“दिल्ली विधानसभा चुनाव: चुनाव कार्यक्रम की उल्टी गिनती शुरू, मतदाता सूची में विवाद और आयोग की तैयारी”
नई दिल्ली : दिल्ली विधान सभा चुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, और आगामी हफ्ते के आरंभ में निर्वाचन आयोग इस बाबत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सकता है। निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार, 12 से 14 फरवरी के बीच मतदान की संभावना जताई जा रही है और परिणाम 17 फरवरी तक घोषित हो सकते हैं। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले, यह भी बताया गया है कि दिल्ली विधान सभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो जाएगा, और उसके पूर्व नई विधानसभा का गठन अनिवार्य होगा।
चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग के द्वारा मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया गया है। इस पुनरीक्षण का काम छह जनवरी तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके तहत निर्वाचन आयोग के दिल्ली विभाग ने जनरल और स्पेशल मतदाता सूची में बदलाव किया है। खासतौर से, आयोग ने मतदाता सूची के समर रिविजन कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया, और इसकी अंतिम सूची भी 6 जनवरी तक जारी की जाएगी। आयोग ने दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देशित किया था कि वे यह सूची समय से प्रकाशित करें।
हालांकि, इस निर्वाचन प्रक्रिया के बीच दिल्ली की राजनीतिक गलियारों में गर्मी बढ़ गई है, क्योंकि आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच मतदाताओं की सूची से नाम काटने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र से पांच हजार नामों को हटाने और साढ़े सात हजार नामों को जोड़ने की कोशिश की गई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इससे उनके क्षेत्र के कुल मतों का लगभग 12 प्रतिशत हिस्सा प्रभावित हो सकता है। वहीं, बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट में नाम कटवाने की साजिश उनके पक्ष से रची जा रही है। भाजपा दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने जानबूझकर उच्च प्रोफाइल नामों को हटवा दिया और फिर इसे बीजेपी के माथे पर मढ़ने की कोशिश की।
इस राजनीति के बीच, चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा के नए चुनाव के लिए तैयारियों को गति दी है और सुनिश्चित किया है कि मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष और सटीक तरीके से संपन्न हो। इसके तहत मतदान से जुड़ी तकनीकी, कानूनी और प्रशासनिक सभी जिम्मेदारियां ध्यान से पूरी की जा रही हैं ताकि 23 फरवरी से पहले चुनाव परिणाम घोषित कर सकें और नई विधानसभा का गठन किया जा सके।