धमकी देने वाले ने अपना नाम ओमपाल पवार बताया है, जो सुनहेडा का निवासी है। टिकैत ने आरोप लगाया कि धमकी देने वाले ऐसे लोग IT सेल से भी जुड़े हो सकते हैं, जो राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कभी-कभी पुलिस सक्रिय होती है, लेकिन कुछ मामलों में वह ढिलाई बरतती है, जिससे स्थिति और बिगड़ती है।
भाकियू के जिला प्रवक्ता ने बताया कि यह फोन कॉल 19 सितंबर की रात को आया था, जिसमें राकेश टिकैत को पंचायत में शामिल होने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी। हमलावर ने न केवल धमकी दी, बल्कि गालियाँ भी दीं, जिससे राकेश टिकैत के समर्थक और उनके परिवार के लोग भयभीत हो गए हैं।
इससे पहले भी, राकेश टिकैत को इसी नंबर से धमकी भरे कॉल आ चुके हैं, जिससे यह मामला और भी चिंताजनक बन गया है। पुलिस अब कॉल डिटेल के आधार पर आरोपी की पहचान करने और उसे पकड़ने के प्रयास में जुटी है। इस घटना ने किसान आंदोलन और राकेश टिकैत की सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं, और सभी की निगाहें अब इस मामले की जांच पर टिकी हैं।
राकेश टिकैत के समर्थक इस धमकी की कड़ी निंदा कर रहे हैं और उनके साथ खड़े होने की आवाज़ उठा रहे हैं। यह मामला न केवल राकेश टिकैत के लिए बल्कि पूरे किसान आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ बन सकता है। किसान नेता की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और इस तरह की धमकियों का सामना करना अब सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।