पश्चिम एशिया में भड़कता संघर्ष: इस्राइल ने बेरूत में हिजबुल्ला के ठिकानों पर हमला तेज किया, गाजा में मानवीय संकट गहराया

बेरूत:  पश्चिम एशिया में तनाव और युद्ध की लहरें एक नई दिशा में आगे बढ़ रही हैं, जिसमें इस्राइल और हिजबुल्ला के बीच बढ़ते संघर्ष का अहम मोड़ देखने को मिल रहा है। इस्राइल ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह लेबनान स्थित हिजबुल्ला के वित्तीय ढांचे पर सीधा हमला करेगा। इसके तहत बेरूत सहित लेबनान के विभिन्न हिस्सों को निशाना बनाया जाएगा। लंबे समय से जारी इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष अब हिजबुल्ला और लेबनान तक फैल चुका है।

रविवार को इस्राइल ने बेरूत के दक्षिणी इलाके पर मिसाइलें दागनी शुरू कर दीं, जिससे हिजबुल्ला के ठिकानों को गंभीर क्षति पहुंची। यह कदम उस समय उठाया गया जब हिजबुल्ला ने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आवास पर ड्रोन हमला किया था। नेतन्याहू ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया दी थी और हिजबुल्ला को इसकी बड़ी कीमत चुकाने की चेतावनी दी थी। इस्राइल ने अपनी चेतावनी के तहत बेरूत और लेबनान के अन्य हिस्सों में हिजबुल्ला के वित्तीय और सैन्य ठिकानों पर हमले तेज कर दिए हैं।

इसके साथ ही, उत्तरी गाजा में स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। इस्राइल की सैन्य घेराबंदी ने 16 दिनों से गाजा के नागरिकों को भोजन, पानी, दवा और अन्य आवश्यक सेवाओं से वंचित कर दिया है। हाल ही में उत्तरी गाजा के बेत लाहिया क्षेत्र पर हुए इस्राइली हवाई हमले में 73 लोग मारे गए, जबकि कई लोग अभी भी मलबे के नीचे फंसे होने की आशंका है। गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय ने चेतावनी दी है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। बचाव कार्य जारी है, लेकिन उत्तरी गाजा में भोजन और चिकित्सा आपूर्ति की गंभीर कमी ने वहां की स्थिति को मानवीय संकट में बदल दिया है।

दक्षिण गाजा में भी स्थिति चिंताजनक है, जहां ऑक्सफैम जैसी अंतरराष्ट्रीय राहत एजेंसियां इस्राइली हमलों की चपेट में आ चुकी हैं। खान यूनिस के पास हाल ही में हुए एक हमले में चार इंजीनियरों और श्रमिकों की मौत हो गई। इस्राइली सेना ने उत्तरी गाजा और लेबनान के मोर्चों पर लगातार सैन्य कार्रवाई जारी रखी है, जबकि लेबनान की तरफ से रॉकेट और ड्रोन हमलों का सिलसिला भी थम नहीं रहा है।

इस्राइल और हिजबुल्ला के बीच बढ़ती इस तनावपूर्ण स्थिति ने पूरे पश्चिम एशिया को अशांति की चपेट में ले लिया है। ईरान और लेबनान जैसे देशों की संलिप्तता से संघर्ष के और अधिक गंभीर होने की आशंका है। नेतन्याहू ने अपने देश की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए हिजबुल्ला और अन्य आतंकवादी संगठनों को कड़ा जवाब देने का वादा किया है, जबकि हिजबुल्ला अपने ठिकानों पर हुए हमलों का बदला लेने की पूरी तैयारी में है।

इस्राइल का यह कदम न केवल क्षेत्रीय संघर्ष को और बढ़ा सकता है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी इसे लेकर गंभीर प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार संगठनों ने इस स्थिति पर चिंता जताई है और मानवीय सहायता की तुरंत पहुंच की मांग की है।