गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य में पशुधन संरक्षण, ग्रामीणों, पशुपालकों और किसानों को अतिरिक्त आय के साथ -साथ जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 20 जुलाई 2020 को गोधन न्याय योजना की शुरूआत की गई।

इस योजना के तहत् गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर क्रय कर महिला समूहों के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार करने के शुरूआत की गई।

राज्य में निर्मित 5586 गौठानों में अब तक 47.65 लाख क्विंटल गोबर क्रय किया जा चुका है, जिसके एवज में गोबर विक्रेताओं को 95 करोड़ 31 लाख रूपए का भुगतान किए गए हैं।

गौठानों में अब तक 2 लाख 26 हजार 316 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन तथा एक लाख 21 हजार 172 क्विंटल खाद का विक्रय किसानों एवं शासकीय विभागों को किया गया है। गौठानों में अब महिला स्व सहायता समूहों द्वारा सुपर कम्पोस्ट खाद भी तैयार की जाने लगी है।

गौठानों में संचालित विभिन्न आय मूलक गतिविधियों से स्व सहायता समूहों को अब तक 18 करोड़ 64 लाख रूपए की आय प्राप्त हुई है।