पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क का बड़ा बयान: यूरोपीय संघ में यूक्रेन की सदस्यता प्रक्रिया को करेंगे तेज
वारसॉ: पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने हाल ही में घोषणा की कि यूरोपीय संघ की अध्यक्षता का लाभ उठाते हुए वह यूक्रेन की सदस्यता प्रक्रिया को तेज करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे पर स्थिति में ठहराव को खत्म करेंगे और सदस्यता की दिशा में गंभीर प्रयास करेंगे। इसके अलावा, पोलैंड और यूक्रेन के बीच द्वितीय विश्व युद्ध के संदर्भ में एक ऐतिहासिक समझौता हुआ, जिसमें पोलैंड ने इस घातक संघर्ष के दौरान पोलिश नागरिकों पर यूक्रेनी राष्ट्रवादियों द्वारा किए गए नरसंहार पर बातचीत की और उन मृतकों के शवों को सम्मानपूर्वक दफनाने की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की इस समय पोलैंड के दौरे पर हैं और इस मौके पर दोनों देशों के बीच द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का यह महत्वपूर्ण समझौता हुआ। यूक्रेनी राष्ट्रवादियों द्वारा पोलैंड के हजारों नागरिकों की हत्या के मुद्दे पर यह विवाद आज भी पोलैंड के लिए एक गहरा घाव बना हुआ है। हालांकि, पोलैंड ने इस ऐतिहासिक घाव को सुलझाने की कोशिश की है और अब उम्मीद जताई है कि पोलैंड और यूक्रेन मिलकर भविष्य में आपसी समझदारी और सहयोग बढ़ा सकेंगे।
टस्क ने यूक्रेन की यूरोपीय संघ में सदस्यता प्राप्त करने के लिए आने वाले छह महीनों में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने का निर्णय लिया है, जिससे पोलैंड और अन्य यूरोपीय संघ सदस्य देशों के समर्थन के लिए माहौल तैयार किया जा सकता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रूस ने दुनियाभर की एयरलाइनों पर ‘आतंकवादी हमलों की योजना’ बनाई है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।
पोलैंड के लिए यह एक संवेदनशील समय है, क्योंकि वह चुनावी वर्ष में प्रवेश कर चुका है और उन्हें विपक्ष के राष्ट्रवादी उम्मीदवारों से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। इस समस्या का राजनीतिक असर पोलैंड के अंदर घरेलू मुद्दों पर भी पड़ेगा, विशेष रूप से चुनावों के दौरान। दोनों देशों के बीच द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई घटनाओं पर चल रही बातचीत पोलैंड में राष्ट्रवादी विरोध का कारण बन सकती है, हालांकि टस्क और जेलेंस्की इस समझौते को शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं।
इस ऐतिहासिक समझौते और यूक्रेन की यूरोपीय संघ में सदस्यता की दिशा में पोलैंड की सक्रिय भूमिका पोलैंड और यूक्रेन दोनों देशों के लिए एक नए दौर की शुरुआत हो सकती है, लेकिन घरेलू राजनीति और दोनों देशों के बीच मौजूद ऐतिहासिक मुद्दों के कारण यह प्रक्रिया जटिल साबित हो सकती है।