बीसीसीआई का नया दिशा-निर्देश: टीम इंडिया में अनुशासन, एकता और प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए अभूतपूर्व कदम

मुंबई:  भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारतीय टीम के प्रदर्शन और आंतरिक संस्कृति को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं का एक व्यापक दिशानिर्देश दस्तावेज़ जारी किया है। इसे “पॉलिसी डॉक्यूमेंट फॉर टीम इंडिया” नाम दिया गया है, जो खिलाड़ियों की जिम्मेदारियों, आचरण, और टीम के साथ सामंजस्य पर विशेष ध्यान देता है। इस नई नीति का पालन न करने पर खिलाड़ियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति और आईपीएल या घरेलू क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध शामिल हैं।

गाइडलाइन्स का उद्देश्य

बीसीसीआई का यह दस्तावेज़ हाल ही में हुई रिव्यू मीटिंग में दिए गए सुझावों पर आधारित है। यह बैठक न्यूजीलैंड सीरीज़ और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में करारी हार के बाद आयोजित हुई थी। इस मीटिंग में कोच गौतम गंभीर, कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर, और बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया सहित कई प्रमुख अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस नीति का मुख्य उद्देश्य टीम में अनुशासन और एकता बनाए रखना, खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन पर केंद्रित रखना, और घरेलू क्रिकेट को मजबूती देना है।

महत्वपूर्ण दिशानिर्देशों की झलक

  1. सामूहिक यात्रा और अभ्यास
    खिलाड़ियों को अब अलग-अलग यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। सभी को टीम बस या फ्लाइट जैसी सामूहिक व्यवस्था का ही उपयोग करना होगा। यदि किसी खिलाड़ी को व्यक्तिगत कारणों से अलग यात्रा करनी हो, तो कोच या चयनकर्ताओं से पूर्वानुमति अनिवार्य होगी।
  2. लंबे दौरों पर परिवार की सीमित उपस्थिति
    45 दिनों से अधिक के दौरों पर खिलाड़ियों के परिवार के साथ 14 दिनों की उपस्थिति की सीमा तय की गई है। परिवार केवल एक बार दौरे में शामिल हो सकता है, और इसके लिए भी कोच, कप्तान और बीसीसीआई के जनरल मैनेजर ऑपरेशंस से अनुमति लेनी होगी। इसके अतिरिक्त, खिलाड़ियों को परिवार से जुड़े सभी खर्च स्वयं वहन करने होंगे।
  3. पर्सनल स्टाफ की संख्या सीमित करना
    खिलाड़ियों को अपने निजी स्टाफ की संख्या सीमित रखनी होगी, जिसमें प्रबंधक, शेफ, सोशल मीडिया टीम, और निजी सुरक्षा गार्ड शामिल हैं। इससे “लॉजिस्टिकल चुनौतियों” को कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
  4. घरेलू क्रिकेट में भागीदारी अनिवार्य
    खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए उपलब्ध रहना होगा। चयन और सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के लिए पात्रता सुनिश्चित करने के लिए यह अनिवार्य शर्त होगी। हालांकि, “अपरिहार्य परिस्थितियों” में चयन समिति छूट दे सकती है।
  5. फोकस बनाए रखने के लिए प्रतिबंध
    खिलाड़ियों को दौरे या सीरीज के दौरान व्यक्तिगत फोटोशूट या विज्ञापन गतिविधियों से बचने का निर्देश दिया गया है, ताकि उनका ध्यान केवल टीम की जिम्मेदारियों और प्रदर्शन पर केंद्रित रहे।

अनुशासन न पालन करने पर कठोर कार्रवाई

यदि खिलाड़ी इन दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इनमें आईपीएल से प्रतिबंध, सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट समाप्त करना, और मैच फीस कटौती जैसे कदम शामिल हैं। बीसीसीआई ने स्पष्ट किया है कि इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य खिलाड़ियों की जवाबदेही और भारतीय क्रिकेट की प्राथमिकताओं को सुदृढ़ करना है।

टीम में सुधार की नई पहल

बीसीसीआई के इस कदम का उद्देश्य टीम इंडिया के प्रदर्शन को नए स्तर पर ले जाना है। बदलते दौर में जब क्रिकेट अधिक पेशेवर और प्रतिस्पर्धी हो चुका है, यह नीति टीम में अनुशासन, एकता और स्थिरता लाने में सहायक होगी। इन दिशा-निर्देशों के पालन से न केवल खिलाड़ियों के व्यक्तिगत करियर बल्कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य भी मजबूत होगा