“बस्तर ओलंपिक: जनजातीय क्षेत्र में खेलों के माध्यम से विकास और बदलाव की नई पहल”

रायपुर :  बस्तर संभाग में इस समय बस्तर ओलंपिक का आयोजन जोश और उत्साह के साथ हो रहा है, जो राज्य के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने की एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है। यह आयोजन विशेष रूप से अबूझमाड़ जैसे दूर-दराज और पिछड़े इलाकों में हो रहा है, जहां बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इस ओलंपिक में भाग ले रहे हैं। बस्तर ओलंपिक के शुभंकर के रूप में वनभैंसा और पहाड़ी मैना को चुना गया है, जो स्थानीय नागरिकों को आकर्षित कर रहे हैं और उन्हें खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर यह आयोजन बस्तर अंचल के लोगों को खेल गतिविधियों से जोड़ने के साथ-साथ उनकी खेल प्रतिभा को निखारने का अवसर प्रदान कर रहा है। मुख्यमंत्री ने बस्तर के लोगों से इन खेल प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की है और कहा है कि राज्य में खेलों और खिलाड़ियों को लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा है। साथ ही, बस्तर अंचल में खेलों के लिए आधुनिक अधोसंरचनाओं का विकास किया जा रहा है।

बस्तर ओलंपिक के पहले चरण में 6 नवम्बर से 16 नवम्बर तक विकासखंड स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं, जबकि दूसरे चरण में 19 नवम्बर से 26 नवम्बर तक जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं होंगी। इसके बाद, अंतिम चरण में संभाग स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इस आयोजन में युवाओं के लिए खो-खो, कबड्डी, बालीबाल, ऊंची कूद, तवाफेक, फुटबॉल, गोलाफेक, तीरंदाजी, बैडमिंटन जैसे खेलों का आयोजन किया जा रहा है, जो स्थानीय खेलों और ग्रामीण जीवन से जुड़े हैं।

इस खेल महाकुंभ में शामिल होने वाले युवा, स्कूली बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी इस आयोजन में सक्रिय भागीदार बने हुए हैं। खासकर बुजुर्गों को अपने बचपन की यादें ताजगी से लौट रही हैं, क्योंकि इनमें कई ऐसे पारंपरिक खेल शामिल किए गए हैं, जिन्हें वे अपने बचपन में अपने गांवों में खेलते थे। बस्तर ओलंपिक की सफलता ने क्षेत्रीय विकास की दिशा में भी सकारात्मक बदलावों की ओर इशारा किया है। अबूझमाड़ क्षेत्र के खिलाड़ियों ने इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया है और कहा है कि यह आयोजन उनके लिए एक सुनहरा अवसर है, जिससे उनकी खेल प्रतिभा को निखारने और पहचान पाने का मौका मिल रहा है।

नारायणपुर के बोरावण्ड गांव के खिलाड़ी जयसिंह, रजनु यादव और उनके साथियों ने अपनी टीम के साथ बस्तर ओलंपिक में भाग लिया और विकासखंड स्तर पर कबड्डी पुरुष वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिसके लिए उन्हें ट्रॉफी, मेडल और टीम के लिए ड्रेस प्रदान की गई। अबूझमाड़ क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों के कारण यह क्षेत्र अब एक नई दिशा में बढ़ रहा है। माओवादी घटनाओं में कमी आई है और अबूझमाड़ के गांवों में सड़क, बिजली, पानी, स्कूल और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। साथ ही, क्षेत्र में पक्की सड़कें और बस सेवाएं शुरू हो चुकी हैं, जिससे स्थानीय निवासियों को शहरों और बाजारों से जुड़ने में आसानी हो रही है।

बस्तर ओलंपिक न केवल खेलों को प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि यह क्षेत्र के सामाजिक और सांस्कृतिक विकास की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है, जो स्थानीय समुदायों की जीवनशैली में सुधार और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन रहा है।