“शपथ के बाद फिटनेस का अनोखा प्रदर्शन: उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर की सड़कों पर लगाई 21 किलोमीटर की दौड़”

जम्मू कश्मीर मैराथन:   16 अक्टूबर 2024 को उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, और कुछ ही दिनों बाद, 20 अक्टूबर की सुबह, वह कश्मीर की सड़कों पर दौड़ते नजर आए। श्रीनगर में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय मैराथन में हिस्सा लेते हुए उमर अब्दुल्ला ने 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन पूरी की, जिसे देखकर सभी दंग रह गए। 54 साल की उम्र में उन्होंने दो घंटे में यह दूरी तय की, जो उनकी फिटनेस और उत्साह का एक अनोखा प्रदर्शन था।

उमर अब्दुल्ला ने मैराथन में भाग लेने के बाद सोशल मीडिया पर अपनी खुशी साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि यह पहली बार था जब उन्होंने 13 किलोमीटर से ज्यादा की दौड़ लगाई। दिलचस्प बात यह रही कि उन्होंने इस दौड़ के लिए न तो कोई विशेष ट्रेनिंग ली थी और न ही कोई खास डाइट फॉलो की। उन्होंने कहा कि दौड़ते वक्त केवल केले और खजूर खाए और बिना किसी विशेष योजना के दौड़ते गए। उमर ने इस अनुभव को बेहद उत्साहवर्धक बताया, खासकर क्योंकि उनके परिवार के सदस्य और शुभचिंतक वहां उपस्थित थे और उनका हौसला बढ़ा रहे थे। उन्होंने यह भी बताया कि रास्ते में उन्होंने कई सेल्फियां लीं, पत्रकारों से बातचीत की और दौड़ का पूरा आनंद लिया।

उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर के प्रसिद्ध डल झील के पास से शुरू होने वाली इस मैराथन को हरी झंडी दिखाई और खुद भी उसमें हिस्सा लिया। उनका यह प्रयास दिखाता है कि कश्मीर केवल राजनीतिक और प्रशासनिक मामलों में ही नहीं, बल्कि खेल और फिटनेस में भी एक अग्रणी स्थान रखता है। उमर अब्दुल्ला ने इस आयोजन के जरिए न केवल अपनी फिटनेस का परिचय दिया, बल्कि राज्य में शांति और स्थिरता के संदेश को भी बल दिया।

यहाँ देखे वीडियो

इस आयोजन में बॉलीवुड अभिनेता सुनील शेट्टी भी मौजूद थे, जिन्होंने उमर अब्दुल्ला के साथ मिलकर मैराथन की शुरुआत की। सुनील शेट्टी ने कहा कि कश्मीर का यह आयोजन देश-विदेश से लोगों को यहां आने के लिए प्रेरित करेगा और कश्मीर को एक फिटनेस और पर्यटन केंद्र के रूप में उभारेगा। उन्होंने कश्मीर को “धरती का स्वर्ग” बताते हुए यहां की प्राकृतिक सुंदरता और स्वच्छ वातावरण की प्रशंसा की।

दिल्ली में हुई एक अन्य मैराथन पर टिप्पणी करते हुए उमर अब्दुल्ला ने प्रदूषण की समस्या पर ध्यान दिया और कहा कि अगली बार दिल्ली के धावकों को कश्मीर की साफ-सुथरी हवा और शानदार नजारों के बीच दौड़ने का अनुभव जरूर लेना चाहिए। उन्होंने मजाक में कहा कि कश्मीर मैराथन की हवा इतनी साफ है कि इसे दौड़ने के लिए ड्रग्स की जरूरत नहीं है।

उमर अब्दुल्ला का यह मैराथन दौड़ना, न केवल उनके स्वास्थ्य के प्रति सजगता का प्रतीक था, बल्कि राज्य की जनता के साथ जुड़ाव का भी एक सकारात्मक संकेत था।