विकसित छत्तीसगढ़ के लिए सशक्त प्रयास: स्टील इंडस्ट्री में नए अवसरों और चुनौतियों पर गहन मंथन
रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर के मेफेयर लेक रिसॉर्ट में आयोजित “ऑल इंडिया स्टील कॉन्क्लेव 2.0” में उपस्थित होकर प्रदेश के औद्योगिक विकास, विशेष रूप से स्टील उद्योग के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। इस दो दिवसीय आयोजन में देशभर के 17 राज्यों से आए 1500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2030 तक 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन का जो लक्ष्य रखा गया है, उसमें छत्तीसगढ़ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।
स्टील उद्योग में नवाचार और सतत विकास
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ देश में स्टील उत्पादन में तीसरे स्थान पर है और यह स्थिति प्रदेश की खनिज संपदा, पर्याप्त ऊर्जा स्रोत, और अनुकूल औद्योगिक माहौल के कारण संभव हुई है। उन्होंने ग्रीन स्टील की दिशा में प्रदेश द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ हमें जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए स्थायी और पर्यावरण-अनुकूल विकास के उपाय अपनाने होंगे। इसके लिए स्टील उद्योग से जुड़े सभी उद्यमियों और उद्योगपतियों से तकनीकी नवाचारों का उपयोग करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को केवल एक उद्योग-मंच नहीं, बल्कि राज्य और देश की तरक्की को नई दिशा देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन स्टील उद्योग के साथ-साथ एमएसएमई सेक्टर के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा और छत्तीसगढ़ देशभर में औद्योगिक विकास का आदर्श बनेगा।
उद्योग को बढ़ावा देने की पहल
साय ने नई औद्योगिक नीति के तहत 5 लाख रोजगार सृजन के लक्ष्य को दोहराते हुए सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 और नई औद्योगिक नीति के माध्यम से औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन देने और व्यापार प्रक्रिया को सरल बनाने की जानकारी साझा की। इस सिस्टम के जरिए उद्योगों और स्टार्टअप्स को एकल प्लेटफॉर्म पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
खनिज और संसाधनों की संपन्नता का उपयोग
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने छत्तीसगढ़ को खनिज संपदा में समृद्ध प्रदेश बताते हुए प्रदेश में निवेश की अनुकूलता पर जोर दिया। उन्होंने उद्योगपतियों से प्रदेश की औद्योगिक नीति का प्रचार-प्रसार करने और इसे और अधिक लोगों तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्टील उद्योग के लिए सरकार द्वारा बनाई गई नीतियां प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
सामाजिक उत्तरदायित्व का ध्यान
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने औद्योगिक विकास के साथ सामाजिक दायित्व निभाने पर जोर देते हुए सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत समाज के वंचित तबकों के जीवनस्तर को सुधारने की बात कही। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और उद्योग विकास के बीच संतुलन बनाए रखना प्रदेश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।
छत्तीसगढ़: एक औद्योगिक शक्ति का केंद्र
कार्यक्रम में यह भी उजागर हुआ कि छत्तीसगढ़ में खनिज आधारित उद्योगों और ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं। जल्द ही राज्य लिथियम जैसे ऊर्जा खनिजों के सबसे बड़े केंद्रों में से एक बनकर उभर सकता है। सरकार के प्रयासों के साथ यह राज्य अपने “इंडिया के पावर हाउस” की छवि को और मजबूत कर रहा है।
यह कॉन्क्लेव न केवल छत्तीसगढ़ के स्टील उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की शुरुआत करेगा, बल्कि यह देशभर के उद्योगपतियों के लिए प्रदेश के साथ जुड़ने और इस विकास यात्रा का हिस्सा बनने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगा।