कवासी पर ईडी की कार्रवाई तेज, शराब घोटाला केस में पूर्वमंत्री और उनके बेटे से 7 घंटों तक चली पूछताछ
रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व मंत्री कवासी लखमा शुक्रवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर पहुंचे। ईडी ने उन्हें 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया था। कवासी लखमा, जो कोंटा विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं, इस समय रायपुर स्थित ईडी उपक्षेत्र कार्यालय पहुंचे हैं, जहां उनसे शराब घोटाले के संदर्भ में पूछताछ की जाएगी। इस घोटाले के उजागर होने के समय वह राज्य के आबकारी मंत्री थे।
28 दिसंबर को हुई थी छापेमारी
ईडी ने 28 दिसंबर को कवासी लखमा और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के घरों पर छापेमारी की थी। छापे के बाद ईडी ने यह बताया था कि शराब घोटाले से जुड़े कई साक्ष्य मिले हैं, जो लखमा से संबंधित हैं। इस पर ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए समन भेजा था। शुक्रवार को सुबह लगभग 10:30 बजे कवासी लखमा ईडी दफ्तर पहुंचे। जानकारी के मुताबिक, पूछताछ के बाद ईडी उन्हें कोर्ट में पेश करके गिरफ्तारी की मांग कर सकती है, ताकि आगे की पूछताछ जारी रखी जा सके।
कवासी लखमा का बयान
मीडिया से चर्चा करते हुए कवासी लखमा ने कहा, “आप लोग जानते हैं कि मेरे घर में कुछ भी नहीं मिला है।” उनके बेटे हरीश लखमा भी ईडी दफ्तर में मौजूद थे। रेड के बाद कवासी लखमा ने यह दावा किया था कि उनके घर से ईडी को कुछ नहीं मिला था। उन्होंने यह भी कहा कि वह अनपढ़ व्यक्ति हैं और जो भी दस्तावेज अधिकारियों ने कहा, उन्होंने उस पर साइन किया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने एक भी रुपये की जमीन नहीं खरीदी थी।
ईडी का बयान
गुरुवार को ईडी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं। ईडी के मुताबिक, उन्हें यह भी सबूत मिले हैं कि कवासी लखमा ने अपराध से अर्जित आय (पीओसी) को नकद में उपयोग किया। इसके साथ ही कई डिजिटल डिवाइस भी जब्त की गईं, जिनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड होने का शक है।
कई नेता और अधिकारी जेल में
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के मामले में ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है। अब तक इस मामले में कई अधिकारियों और नेताओं के रिश्तेदार जेल में बंद हो चुके हैं, जिनमें रायपुर महापौर के भाई भी शामिल हैं।