“रूस में भाड़े के सैनिकों की भर्ती को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग की गंभीर चिंता, वैश्विक सुरक्षा पर बढ़ सकता है तनाव”
वॉशिंगटन: अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने रूस द्वारा युद्ध में यमन के भाड़े के सैनिकों की भर्ती करने की खबरों पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि रूस अपनी सेना को मजबूत करने के लिए दुनिया भर से विदेशी नागरिकों को लुभा रहा है, खासकर यमन से। मिलर ने कहा कि रूस अपने युद्ध प्रयासों के लिए नौकरियों, नागरिकता और विश्वविद्यालय प्रवेश के वादों के जरिए इन लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। यह रूस की हताशा को दर्शाता है, जो अब विदेशों से सैनिकों की भर्ती कर रहा है ताकि वह यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध में अपने प्रयासों को मजबूत कर सके। हालांकि, मिलर ने इस भर्ती की पुष्टि नहीं की, लेकिन उन्होंने यह साफ किया कि रूस की इस तरह की गतिविधियाँ अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए चिंता का कारण बनी हुई हैं।
उन्होंने इस संदर्भ में अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया की सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए कहा कि रूस की कार्रवाइयाँ सीधे तौर पर इन देशों की सुरक्षा पर असर डाल सकती हैं। यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता को लेकर अमेरिका का रुख स्पष्ट है; मिलर ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन के क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका का परमाणु रुख अब तक अपरिवर्तित है, और यूक्रेन को सैन्य और राजनीतिक समर्थन देना जारी रहेगा।
इस सब के बीच, रूस द्वारा उत्तर कोरिया के सैनिकों को युद्ध में शामिल करने की कोशिशों पर भी अमेरिका ने रूस को कड़ी चेतावनी दी है। मिलर ने स्पष्ट रूप से कहा कि रूस को इन सब मुद्दों के लिए अकेला जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। यह घटनाक्रम वैश्विक राजनीति और सुरक्षा पर महत्वपूर्ण असर डाल सकता है, और आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय रिश्तों में और अधिक तनाव उत्पन्न हो सकता है।