“झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: पहले चरण में 65.27% मतदान, प्रमुख नेताओं की किस्मत ईवीएम में बंद”

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का मतदान बुधवार को शांतिपूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें राज्य के 15 जिलों की 43 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई। इस चरण में कुल 683 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है, और चुनावी गणना में अब सभी की निगाहें आगामी परिणामों पर टिकी हुई हैं। पहले चरण के मतदान में 65.27% मतदान दर्ज हुआ, जो 2019 के 63.75% से अधिक है, जिससे यह प्रतीत होता है कि झारखंड के मतदाताओं में मतदान के प्रति अधिक उत्साह और जागरूकता बढ़ी है।

चर्चित राजनीतिक चेहरे, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा, और पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की बहू पूर्णिमा दास शामिल हैं, उनके चुनावी भविष्य का फैसला अब ईवीएम में कैद हो चुका है। इन नेताओं के लिए यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है, बल्कि राज्य की राजनीति में उनकी आगामी भूमिका पर भी प्रभाव डालेगा।

पहले चरण में सर्वाधिक छह सीटें पूर्वी सिंहभूम जिले में रहीं, वहीं पलामू, पश्चिमी सिंहभूम और रांची जिलों में पांच-पांच सीटें थीं। अन्य जिलों में सीटों की संख्या कम रही, जैसे कि कोडरमा और रामगढ़ जिले में केवल एक-एक सीट पर मतदान हुआ। चुनाव आयोग के अनुसार, कुछ क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत में वृद्धि भी देखी गई, जैसे कि पूर्वी सिंहभूम में बहरागोड़ा सीट पर 76.15% मतदान हुआ, जो 2019 के मुकाबले थोड़ी अधिक रही। इस मतदान प्रतिशत से यह साफ है कि झारखंड के लोग इस बार चुनाव में अपनी भागीदारी को लेकर काफी गंभीर थे।

इसके अलावा, झारखंड में मतदान के दौरान सुरक्षा और व्यवस्थाओं के लिहाज से भी सतर्कता बरती गई। हर मतदान केंद्र पर सुरक्षाबल तैनात थे और चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी अप्रिय घटना न हो। शाम साढ़े सात बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, मतदान प्रक्रिया पूरी तरह से शांतिपूर्ण रही और कोई भी बड़ी अव्यवस्था की खबर नहीं आई। हालांकि, अंतिम आंकड़े मतदान प्रतिशत में और वृद्धि की उम्मीद भी जताते हैं।

पहले चरण के मतदान के बाद, अब सभी की निगाहें दूसरे चरण पर हैं, जिसमें बाकी सीटों पर मतदान होगा। इन चुनावों के परिणाम झारखंड की आगामी सरकार के गठन में निर्णायक भूमिका निभाएंगे और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पिछले चुनावों की तरह इस बार भी कोई राजनीतिक दल सत्ता पर काबिज होता है, या फिर कोई नई राजनीतिक शक्ति उभरकर सामने आती है।