भारत में मेथनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग का बड़ा कदम: एक्सपो 2024 की तैयारी
नई दिल्ली: भारत में मेथनॉल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, नीति आयोग 17-18 अक्टूबर 2024 को नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय मेथनॉल सेमिनार और एक्सपो 2024 का आयोजन करने जा रहा है। यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत में मेथनॉल उत्पादन और इसके अनुप्रयोगों की दिशा में नई संभावनाओं का द्वार खोलेगा।
भारत में मेथनॉल अर्थव्यवस्था की शुरुआत सितंबर 2016 में हुई थी, जब नीति आयोग ने मेथनॉल इंस्टीट्यूट, यूएसए के सहयोग से पहला सेमिनार आयोजित किया था। अब, लगभग आठ वर्षों के बाद, नीति आयोग ने फिर से वैश्विक विशेषज्ञों, उद्योग के नेताओं, नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं को एकत्रित करने का निर्णय लिया है। इस सेमिनार और एक्सपो का उद्देश्य मेथनॉल उत्पादन, अनुप्रयोगों और तकनीकी विकास से संबंधित नई परियोजनाओं, उत्पादों और अनुसंधान पहलों को उजागर करना है।
सेमिनार का मुख्य उद्देश्य
इस सेमिनार का मुख्य फोकस विश्व ऊर्जा संक्रमण में मेथनॉल की भूमिका और ग्रीन शिपिंग में कम कार्बन ईंधन के रूप में मेथनॉल के उपयोग को उजागर करना है। नीति आयोग ने मेथनॉल इंस्टीट्यूट, यूएसए के साथ साझेदारी में इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कई अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं का समर्थन किया है, जिसमें भारतीय उच्च राख वाले कोयले से मेथनॉल उत्पादन, डीएमई उत्पादन, और डीजल इंजनों को 100% मेथनॉल और डीजल मिश्रण पर चलाने के लिए परिवर्तित करना शामिल है।
मेथनॉल अर्थव्यवस्था की भूमिका
भारत में मेथनॉल अर्थव्यवस्था का विकास ऐसे समय हो रहा है जब भारत स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ रहा है। मेथनॉल, एक बहुपरकारी ईंधन है, जिसे बायोमास, कोयला और नवीकरणीय स्रोतों सहित विभिन्न घरेलू फीडस्टॉक्स से उत्पादित किया जा सकता है। यह भारत की स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
इस प्रकार, NITI Aayog द्वारा आयोजित यह द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय मेथनॉल सेमिनार और एक्सपो, न केवल मेथनॉल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करेगा, बल्कि यह भारत को वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन के प्रति जागरूक करने में भी मदद करेगा।