उज्जैन में 658 करोड़ की विकास परियोजनाओं का भूमिपूजन, रोजगार के नए अवसरों का ऐलान

भोपाल:    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन के कार्तिक मेला ग्राउंड में आयोजित दशहरा मिलन उत्सव के दौरान 658 करोड़ की 16 विकास परियोजनाओं का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उज्जैन में नए उद्योगों की स्थापना से 50,000 लोगों को रोजगार मिलने का आश्वासन दिया, जिससे क्षेत्र का विकास और आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार रोजगार सृजन और विकास के हर आयाम को सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने 350 करोड़ की लागत से स्थापित होने वाली प्रतिभा स्वराज इकाई का शुभारंभ किया, जो 5,000 से अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करेगी। इस प्रकार, उज्जैन में औद्योगिक विकास के माध्यम से 50,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।

डॉ. यादव ने सिंहस्थ महापर्व का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारत को विश्व पटल पर धार्मिक और सांस्कृतिक नेतृत्व प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि 12 वर्षों में आयोजित होने वाला यह मेला, सनातन धर्म के वैष्णव और शैव संतों की परंपराओं को बनाए रखेगा। उनका यह भी कहना था कि मध्य प्रदेश को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकास के मामले में देश का नंबर वन राज्य बनाना सरकार का संकल्प है।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 16 अक्टूबर को हैदराबाद में निवेशकों को आमंत्रित करने की योजना है। साथ ही, रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव का आयोजन 23 अक्टूबर को रीवा में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी फरवरी में विश्वस्तरीय उद्योग सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें विदेशी निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा।

उज्जैन के विकास की दृष्टि से, मुख्यमंत्री ने चारों ओर फोरलेन मार्गों का निर्माण करने की घोषणा की। इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की पहुंच और सुगम होगी। इसके अतिरिक्त, कई महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण का भी भूमिपूजन किया गया, जिनमें नागदा, गिद्धगढ़, और हामूखेड़ी मार्ग शामिल हैं।

सीएम ने इस अवसर पर शास्त्र और शस्त्र के महत्व पर भी जोर दिया, बताते हुए कि हमारी संस्कृति और परंपरा में शांति का संदेश है, लेकिन जरूरत पड़ने पर देश अपनी रक्षा भी कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उज्जैन को धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

इस कार्यक्रम ने उज्जैन के विकास की दिशा में नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं, और स्थानीय निवासियों में आशा की किरण जगाई है।