“एनआईए की चार्जशीट में खुलासा: ‘युवाओं को नौकरी के बहाने साइबर ठगी का शिकार बनाते थे मानव तस्करी गिरोह'”

नई दिल्ली:  राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी के एक जटिल मामले में एक गिरोह के सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है, जिसमें यह खुलासा हुआ है कि यह गिरोह भारतीय युवाओं को नौकरी के बहाने लाओस भेजता था। चार्जशीट में कहा गया है कि ये युवा वहां चीनी घोटालेबाजों द्वारा संचालित साइबर अपराध केंद्रों में काम करने के लिए मजबूर किए जाते थे, जहां उन्हें यूरोपीय और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाकर धोखाधड़ी करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता था।

एनआईए ने विशेष अदालत के समक्ष मंजूर आलम उर्फ गुड्डू, साहिल, आशीष उर्फ अखिल, पवन यादव उर्फ अफजल उर्फ अफरोज, और मुख्य साजिशकर्ता कामरान हैदर उर्फ जैदी के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया है। जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि ये सभी लोग लाओस में स्थित गोल्डन ट्राइएंगल क्षेत्र में भारतीय युवाओं की तस्करी करने में सक्रिय थे। ये युवा पहले तो नौकरी के लिए आकर्षित होते थे, लेकिन बाद में उन्हें साइबर अपराध करने के लिए मजबूर किया जाता था।

चार्जशीट में बताया गया है कि जैदी इस ऑपरेशन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। उसने उन पीड़ितों से भी पैसे ऐंठने का काम किया, जो चीनी घोटालेबाजों के चंगुल से भागने की कोशिश कर रहे थे। इसके अलावा, पवन यादव ने अन्य मध्यस्थ एजेंटों को दरकिनार करते हुए तस्करी किए गए व्यक्तियों को अपने गिरोह में शामिल किया। वह उन्हें चीनी कंपनियों में नौकरी दिलाने का काम करता था, जो कि फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाने और अमेरिकी तथा यूरोपीय लोगों से चैट करने में संलग्न थीं। साथ ही, पवन उन्हें साइबर घोटाले के हिस्से के रूप में क्रिप्टोकरेंसी एप्लिकेशन में निवेश करने के लिए भी राजी करता था।

एनआईए ने अपने जांच में इस गिरोह के तस्करों और दलालों के एक संगठित नेटवर्क का भी खुलासा किया है। यह नेटवर्क बिना लाइसेंस के मानव संसाधन आपूर्ति एजेंसियों के संचालन से लेकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में संभावित पीड़ितों के अवैध स्थानांतरण और परिवहन तक की गतिविधियों में शामिल था। आरोप पत्र में नामित आरोपी सीधे तौर पर हवाई टिकट और आवश्यक दस्तावेजों की व्यवस्था करने के साथ-साथ गोल्डन ट्राइएंगल क्षेत्र में अवैध रूप से सीमा पार करने में भी शामिल थे।

इस चार्जशीट के माध्यम से एनआईए ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मानव तस्करी और साइबर अपराध के खिलाफ उनकी कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी, और ऐसे गिरोहों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे जो युवाओं का शोषण कर रहे हैं।