मालदीव में भारतीय निवेश का नया अध्याय: RuPay कार्ड और UPI के माध्यम से आर्थिक साझेदारी
नई दिल्ली : भारत और मालदीव के ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊँचाई देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की। पीएम मोदी ने इस अवसर पर बताया कि भारत और मालदीव के संबंध सदियों पुराने हैं, और भारत मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी तथा मित्र देश है।
बैठक में यह तय किया गया कि भारत की “नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी” और “सागर विजन” के तहत मालदीव को एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। दोनों देशों ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान, मालदीव में RuPay कार्ड से भुगतान की शुरुआत हुई, जिससे भारतीय पर्यटकों के लिए मालदीव में लेनदेन करना और भी आसान होगा। यह एक ऐतिहासिक पल था, जब पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू ने इस कार्ड के पहले लेनदेन का साक्षी बने।
आने वाले समय में, भारत और मालदीव के बीच UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के माध्यम से वित्तीय लेनदेन को और भी सुगम बनाने की योजना है। दोनों नेताओं ने मालदीव के हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे का वर्चुअल उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर, भारत ने मालदीव को 700 से अधिक सामाजिक आवास इकाइयाँ भी सौंपी, जो कि दोनों देशों के बीच विकास सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
पीएम मोदी ने बैठक में अड्डू में भारतीय वाणिज्य दूतावास और बेंगलुरु में मालदीव के वाणिज्य दूतावास की स्थापना पर भी चर्चा की। साथ ही, एकथा हार्बर प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करने की बात की। मोदी ने यह भी कहा कि भारत और मालदीव मिलकर भारतीय महासागर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि के लिए काम करेंगे।
राष्ट्रपति मुइज्जू ने इस बैठक के दौरान एक व्यापक विजन दस्तावेज पर सहमति व्यक्त की, जो द्विपक्षीय संबंधों की दिशा निर्धारित करेगा। इस दस्तावेज़ में विकास सहयोग, व्यापार और आर्थिक भागीदारी, डिजिटल और वित्तीय पहल, ऊर्जा परियोजनाएँ, स्वास्थ्य सहयोग, समुद्री सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। उन्होंने भारत के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे भारतीय निवेश को बढ़ाने के लिए मुक्त व्यापार समझौता करने के लिए उत्साहित हैं।
यह बैठक दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में अधिक भारतीय पर्यटकों के स्वागत का मार्ग प्रशस्त करेगा।