शारदीय नवरात्रि प्रारंभ: 9 दिनों की नवरात्रि पर ऐसा करें पूजा-अर्चना

शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो गई है आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक शारदीय नवरात्रि पर्व होता है। इस बार तृतीया तिथि दो दिनों तक रहेगी। इस तिथि की गड़बड़ी से अष्टमी और महानवमी की पूजा 11 तारीख को होगी। 12 अक्टूबर, शनिवार को दशहरा मनेगा। तिथि की गड़बड़ी के बावजूद देवी पूजा के लिए पूरे नौ दिन मिलेंगे | आज पर्वत, शंख, पारिजात, बुधादित्य और भद्र नाम के पांच राजयोग में नवरात्रि शुरू हो रही है। ज्योतिषियों का मानना है कि इन पंचमहायोग में घट स्थापना होने से देवी आराधना का शुभ फल और बढ़ जाएगा। नवरात्रि के पहले दिन घट (कलश) स्थापना की जाती है। इसे माता की चौकी बैठाना भी कहा जाता है। इसके लिए दिनभर में दो ही मुहूर्त रहेंगे। यदि कोई पूरे नवरात्रि के उपवास-व्रत न कर सकता हो तो सप्तमी, अष्टमी और नवमी – तीन दिन उपवास करके देवी की पूजा करने से वह संपूर्ण नवरात्रि के उपवास के फल को प्राप्त करता है।

मान्यताओं और धर्मग्रंथों के अनुसार, घटस्थापना और देवी पूजा प्रात: काल में करने का विधान है। लेकिन, इसमें चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग में करना वर्जित माना गया है। 3 अक्टूबर गुरुवार के दिन चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग दोनों नहीं है। इसलिए प्रात: काल घटस्थापना की जा सकती है। आइए जानते हैं आपके शहर के अनुसार, घटस्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है।

नवरात्रि 2024 घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
1)
दिल्ली – सुबह 6 बजकर 19 मिनट से 8 बजर 39 मिनट तक। इसके बाद अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक।
2)
कोलकाता – 5 बजकर 32 मिनट से 7 बजकर 53 मिनट तक। इसके बाद अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 1 मिनट से 11 बजकर 48 मिनट तक।
3)
शिमला – 6 बजकर 30 मिनट से 8 बजकर 50 मिनट तक। इसके बाद अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक।
4)
मुंबई – सुबह 6 बजकर 33 मिनट से 8 बजकर 55 मिनट तक। इसके बाद अभिजित मुहूर्त 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक।
5)
चेन्नई – सुबह 6 बजकर 02 मिनट से 8 बजकर 24 मिनट तक। इसके बाद अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 34 मिनट से 12 बजकर 21 मिनट तक।
6)
लखनऊ – सुबह 6 बजकर 04 मिनट से 8 बजकर 37 मिनट तक। इसके बाद अभिजित मुहूर्त 12 बजे से 12 बजकर 50 मिनट तक।
7)
वाराणसी – सुबह 5 बजकर 55 मिनट से 8 बजकर 16 मिनट तक। इसके बाद अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 23 मिनट से 12 बजकर 1 मिनट तक।
8)
देहरादून – सुबह 6 बजकर 16 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक। इसके बाद अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक।
9)
बैंगलुरु – सुबह 6 बजकर 12 मिनट ससे 8 बजकर 35 मिनट तक। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक।
10)
भोपाल – सुबह 6 बजकर 6 मिनट ससे 8 बजकर 37 मिनट तक। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक।
11)
हैदराबाद – सुबह 6 बजकर 10 मिनट से 8 बजकर 32 मिनट तक। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 28 मिनट तक।
12)
चंड़ीगढ़ – सुबह 6 बजकर 22 मिनट से 8 बजकर 2 मिनट तक। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक।

शारदीय नवरात्रि पूजन विधि

नवरात्रि के पहले दिन व्रती द्वारा व्रत का संकल्प लिया जाता है| इस दिन लोग अपने सामर्थ्य अनुसार 2, 3 या पूरे 9 दिन का उपवास रखने का संकल्प लेते हैं| संकल्प लेने के बाद मिट्टी की वेदी में जौ बोया जाता है और इस वेदी को कलश पर स्थापित किया जाता है| हिन्दू धर्म में किसी भी मांगलिक काम से पहले भगवान गणेश की पूजा का विधान बताया गया है और कलश को भगवान गणेश का रूप माना जाता है इसलिए इस परंपरा का निर्वाह किया जाता है| कलश को गंगाजल से साफ की गई जगह पर रख दें|

इसके बाद देवी-देवताओं का आवाहन करें| कलश में सात तरह के अनाज, कुछ सिक्के और मिट्टी भी रखकर कलश को पांच तरह के पत्तों से सजा लें| इस कलश पर कुल देवी की तस्वीर स्थापित करें| दुर्गा सप्तशती का पाठ करें इस दौरान अखंड ज्योति अवश्य प्रज्वलित करें| अंत में देवी मां की आरती करें और प्रसाद को सभी लोगों में बाट दें|