उच्चतम न्यायालय ने केन्द्रीय एजेन्सियों के कथित दुरूपयोग पर विपक्षी दलों की याचिका खारिज की
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज 14 राजनीतिक दलों की याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि केन्द्र सरकार, केन्द्रीय जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चन्द्रचूड और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की खंडपीठ ने कहा कि तथ्यात्मक संदर्भ के बिना न्यायालय सामान्य निर्देश जारी नहीं कर सकता। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने विपक्षी पार्टियों की ओर से यह याचिका दायर की थी। जिसमें दावा किया गया था कि प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा विपक्षी नेताओं के नाम दर्ज मामलों में बढोतरी हो रही है।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चन्द्रचूड ने याचिका की वैधता और इसके औचित्य पर संदेह व्यक्त करते हुए, सिंघवी से पूछा कि क्या वे विपक्षी दलों के लिए जांच से प्रतिरक्षा की मांग कर रहे हैं और क्या उनके पास नागरिक के रूप में कोई विशेष अधिकार हैं।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चन्द्रचूड, सिंघवी के टिप्पणियों से संतुष्ट नहीं थे और कहा कि यह याचिका वास्तव में राजनेताओं की ओर से दलील के तौर पर पेश की गई है। उन्होंने कहा कि इस याचिका में भ्रष्टाचार या आपराधिकता से प्रभावित अन्य नागरिकों के अधिकारों और हितों का ध्यान नहीं रखा गया है।