अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-अमरीका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया
भारत और अमरीका ने सीमा पार आतंकवाद की निंदा की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच कल वाशिंगटन में हुई बातचीत के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि 2008 में 26 नवम्बर के मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
दोनों देशों ने छदम आतंकवाद के खिलाफ कड़े रूख की बात कही है। वक्तव्य में आतंकवादी समूहों को ऐसी किसी भी सैन्य या वित्तीय सहायता नहीं दिये जाने के महत्व पर जोर दिया गया है जिसका उपयोग आतंकवादी हमलों के लिए किया जा सकता है।
दोनों नेताओं ने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने, उस पर हमला करने या आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
वक्तव्य में तालिबान से मानवाधिकारों को लेकर अपनी प्रतिबद्धताओं पर कायम रहने और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा का आग्रह किया गया है। इसमें आगे कहा गया है कि जो लोग अफगानिस्तान छोडकर जाना चाहते हैं उन्हें इसकी छूट होनी चाहिए।
दोनों नेताओं ने एक स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र का आह्वान किया जो समावेशी और लचीला होना चाहिए।
अमरीकी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए एक नई रूपरेखा तैयार करने का भी आह्वान किया। उन्होंने अमरीका-भारत व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत की इस घोषणा का स्वागत किया कि वह कोवैक्सीन सहित कोविड के टीकों का निर्यात फिर से शुरू करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु कार्रवाई पर अमरीकी रूख का स्वागत किया। अमरीका ने भारत को स्वच्छ ऊर्जा के विकास में तेजी लाने के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने का वादा किया।
दोनों नेताओं ने अंतरिक्ष, साइबर, स्वास्थ्य सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढाने पर सहमति व्यक्त की।
अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक के बाद दोनों पक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। विदेश मंत्री एस0 जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और अमरीका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।