लोकसभा ने भारतीय विमान पत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण संशोधन विधेयक और अंतर्देशीय जलयान विधेयक पारित कर दिया
लोकसभा ने भारतीय विमान पत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण संशोधन विधेयक 2021 और अंतर्देशीय जलयान विधेयक 2021 को चर्चा के बिना ही पारित कर दिया।
विपक्ष के हंगामे के बीच नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विधेयक प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों सहित देशभर में विमान यातायात और संबंधित आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने पर बल दिया गया है।
सिंधिया ने कहा कि क्षेत्रीय विमान सम्पर्क योजना-उड़ान के आरंभ के बाद देश में विमानन गतिविधियां कई गुणा बढ़ गई हैं।
सिंधिया ने कहा कि उड़ान योजना आरंभ होने के बाद दरभंगा, बेलगाम, झारसुगुड़ा जैसे अनेक छोटे हवाई अड्डों का नवीकरण किया गया। शोर-शराबे के बीच विधेयक पारित कर दिया गया।
हंगामे के बीच अंतर्देशीय जलयान विधेयक 2021 प्रस्तुत किया गया और चर्चा के बिना पारित कर दिया गया। यह विधेयक अंतर्देशीय जलयान अधिनियम 1917 का स्थान लेगा।
विधेयक प्रस्तुत करते हुए पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि उभरते परिदृश्य में 1917 का अधिनियम अनुपयोगी हो गया था।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक में अंतर्देशीय जलमार्गों के जरिए एक-दूसरे राज्यों के बीच जलयानों के तीव्र गति से, सुरक्षित और किफायती आवागमन पर बल दिया गया है।
सोनोवाल ने कहा कि इससे देश में वाणिज्य और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे अंतर्देशीय जलमार्गों और नौवहन संबंधी कानून में एकरूपता के साथ राष्ट्रीय एकीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।
सोनोवाल ने कहा कि इस विधेयक से अंतर्देशीय जलयान परिवहन की नई व्यवस्था कायम करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य अंतर्देशीय जल परिवहन के प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना भी है।
आरएसपी के सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन ने अंतर्देशीय जलयान विधेयक 2021 को पारित कराने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है, इसलिए विधेयक पारित कराना उचित नहीं है। लेकिन, पीठासीन अधिकारी ने यह मांग अस्वीकार कर दी।