मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर 210 मेगावाट क्षमता की लुहरी पनबिजली परियोजना के पहले चरण के लिए 1810 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति दी
नई दिल्ली :- मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर 210 मेगावाट क्षमता की लुहरी पनबिजली परियोजना के पहले चरण के लिए एक हजार आठ सौ दस करोड रुपये की राशि की स्वीकृति दी है।
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने 4 नवम्बर को नई दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि हिमाचल प्रदेश के शिमला और कुल्लू जिलों में स्थापित की जाने वाली यह परियोजना लगभग पांच साल में बन कर तैयार हो जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि इस परियोजना से प्रतिवर्ष कार्बन-डाइआक्साइड उत्सर्जन में छह दशमलव एक लाख टन की कमी आएगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा निर्माण-स्वामित्व-संचालन और रखरखाव आधार पर कार्यान्वित की जायेगी और इसमें केन्द्र तथा राज्य सरकार का सक्रिय सहयोग मिलेगा।
जावड़ेकर ने कहा कि परियोजना के निर्माण में करीब दो हजार लोगों को रोजगार मिलेगा और इससे राज्य का समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को परियोजना के चालीस साल के कार्यकाल के दौरान एक हजार एक सौ चालीस करोड़ रूपये मूल्य की बिजली मुफ्त प्राप्त होगी। परियोजना से प्रभावित परिवारों को भी दस साल तक एक सौ यूनिट बिजली हर महीने मुफ्त दी जायेगी।
मंत्रिमंडल ने भारत और इस्राइल के बीच स्वास्थ्य तथा चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को भी मंजूरी दी। इसके अलावा दूरसंचार के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को भी मंजूरी दी गई। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने, यानी ब्रेक्जिट के बाद भारत के लिए सहयोग और अवसरों का दायरा बढ़ाना है।
मंत्रिमंडल ने केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और ब्रिटेन के मेडिसिन्स एंड हेल्थ केअर प्रोड्क्टस रैग्यूलेटरी एजेंसी के बीच चिकित्सा उत्पाद विनियमन के क्षेत्र में सहयोग के समझौते पर दस्तखत को भी स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने बेंगलुरू के भारतीय तारा भौतिकी संस्थान और स्पेन की संस्था इंस्टीच्यूटो डी कैनरियाज एंड ग्रेंटेकैन के बीच खगोल विज्ञान के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर की भी स्वीकृति दी।
जावड़ेकर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने अपेक्षा के मुकाबले कहीं तेज रफ़्तार से पटरी पर आ रही देश के अर्थव्यस्था पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि ऐेसे कई संकेत मिले हैं जो बहुत अनुकूल हैं। उन्होंने बताया कि इस साल अक्टूबर के महीने में जीएसटी संग्रह पिछले साल के मुकाबले अधिक रहा है।
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र और रेलवे की ओर से कम मांग के बावजूद बिजली की मांग में बारह प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जावडेकर ने कहा कि विनिर्माण के क्षेत्र की खरीद बढ़ रही है। इस्पात और अन्य क्षेत्रों में भी निर्यात और मांग में बढ़ोतरी दिखाई दे रही है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल लेनदेन में कई गुना बढ़ोतरी हुई है और अक्टूबर के महीने में रेलवे की माल ढुलाई पन्द्रह प्रतिशत बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध कम्पनियों के मुनाफे और कारोबार के साथ-साथ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में भी दूसरी तिमाही में वृद्धि हुई है। पंजाब में बन्द को लेकर एक प्रश्न के उत्तर में जावड़ेकर ने कहा कि राज्य में 32 स्थानों में रास्ता रोको आन्दोलन राज्य सरकार की निष्क्रियता की वजह से जारी है।
उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखना राज्य का विषय है और राज्य सरकार को इस बारे में किसानों से बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आन्दोलन न्यूनतम समर्थन मूल्य और कृषि उपज विपणन समितियों को लेकर था और पंजाब के किसानों ने इस साल बढ़े हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य की वजह से अधिक धान बेचा।
उन्होंने कहा कि पिछले साल पंजाब के किसानों ने 122 लाख मीट्रिक टन धान बेचा था, जबकि इस साल किसान कल तक 158 लाख मीट्रिक टन धान बेच चुके हैं। जावड़ेकर ने कहा कि रेलवे लाइनों में व्यवघान दूर करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।