“रायपुर से 850 श्रद्धालुओं की अयोध्या यात्रा, ‘श्रीरामलला दर्शन योजना’ से बुजुर्गों का आध्यात्मिक सपना हुआ पूरा”

रायपुर :  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शुरू की गई “श्रीरामलला दर्शन योजना” ने श्रद्धालुओं के दिलों में अपार उत्साह और आस्था का संचार किया है। यह योजना विशेष रूप से उन बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए है जो अयोध्या में रामलला के दर्शन की अभिलाषा रखते थे, लेकिन आर्थिक कारणों या अन्य परेशानियों के कारण वहां यात्रा करने में असमर्थ थे। इस योजना के तहत, रायपुर संभाग से 850 श्रद्धालुओं को लेकर एक विशेष ट्रेन अयोध्या धाम के लिए रवाना की गई, जिसे खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा और विधायक पुरेंदर मिश्रा ने हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया।

रायपुर रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं का जोरदार स्वागत किया गया। गाजे-बाजे के साथ पारंपरिक नृत्य भी आयोजित किया गया, जिससे माहौल में उल्लास भर गया। इस ट्रेन में सवार श्रद्धालुओं का उत्साह स्पष्ट था, क्योंकि वे न केवल अयोध्या में श्रीराम के दर्शन करने जा रहे थे, बल्कि काशी विश्वनाथ के दर्शन का भी उनका सपना पूरा होने वाला था। इस यात्रा के दौरान सभी श्रद्धालु अपनी रामलला के दर्शन की अभिलाषा को पूरा होते देख बेहद आभारी थे।

श्रद्धालुओं ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि मुख्यमंत्री ने वादा निभाया है और उनकी सरकार ने इस योजना के माध्यम से उनकी जीवनभर की इच्छा पूरी की है। रायपुर के हरिश साहू, महेश देवांगन, गुलाबा देवांगन, बलौदाबाजार के बिसाबाई कन्नौजे, कसडोल के दरशराम वर्मा, और खोरबहार के अन्य श्रद्धालु इस यात्रा का हिस्सा हैं। इन सभी ने बताया कि सरकार की इस पहल से बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा का अनुभव प्राप्त हो रहा है, जो उनके जीवन का एक अनमोल पल होगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस योजना के तहत श्रद्धालुओं के यात्रा, ठहरने, भोजन, और दर्शन की व्यवस्था की है। इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को अयोध्या में रहने, राम मंदिर दर्शन, नाश्ता, भोजन, और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके अलावा, इस विशेष ट्रेन में टूर एस्कॉर्ट, सुरक्षाकर्मी, और चिकित्सकों का दल भी मौजूद रहेगा, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

इस यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं का कहना था कि अब उन्हें महसूस हो रहा है कि राज्य सरकार ने न केवल उनकी इच्छा का सम्मान किया है, बल्कि उन्हें आध्यात्मिक शांति और धार्मिक अनुष्ठान का अनमोल अवसर भी प्रदान किया है। यह योजना एक मिसाल है कि कैसे सरकारें अपने नागरिकों की धार्मिक भावनाओं को समझते हुए उनके लिए सहज और सुलभ यात्रा की व्यवस्था करती हैं।