स्पर्श हॉस्पिटल में डॉक्टर की लापरवाही से युवक की मौत, जांच के आदेश

भिलाई नगर। शहर के प्रसिद्ध स्पर्श हॉस्पिटल में डॉक्टरों की कथित लापरवाही के चलते रेलवे के सहायक लोको पायलट आदर्श त्रिपाठी (25) की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, क्रिकेट खेलते समय आदर्श को अचानक दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए स्पर्श हॉस्पिटल ले जाया गया।

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में करीब दो घंटे तक आदर्श को कोई चिकित्सा सुविधा नहीं मिली। वह इलाज के अभाव में तड़पते रहे और अंततः उनकी मौत हो गई। मृतक के पिता विनोद त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल के नर्स और वार्ड ब्वाय बार-बार डॉक्टर को फोन करते रहे, लेकिन कोई डॉक्टर समय पर नहीं पहुंचा।

रेलवे कर्मियों का इलाज करता है स्पर्श हॉस्पिटल
स्पर्श हॉस्पिटल रेलवे कर्मचारियों का अनुबंधित अस्पताल है, जिसके कारण आदर्श को वहीं इलाज के लिए ले जाया गया। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि अस्पताल की लापरवाही उनकी जान ले लेगी। परिजनों ने बताया कि आदर्श खुद चलकर अस्पताल पहुंचे थे और उनकी जान बचाई जा सकती थी।

नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन
नर्सिंग होम एक्ट के तहत किसी भी अस्पताल में 24 घंटे एमबीबीएस डॉक्टर की उपस्थिति अनिवार्य है। लेकिन इस घटना ने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जांच के आदेश
दुर्ग जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) डॉक्टर मनोज दानी ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम का गठन किया है। जांच अधिकारी डॉ. संजय बोल बोंद्रे ने कहा कि पूरे मामले की विस्तृत जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप
परिवार ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की गैर-जिम्मेदारी के कारण उनकी जान चली गई।

प्रश्नचिह्न पर स्वास्थ्य व्यवस्था
यह घटना न केवल स्पर्श हॉस्पिटल, बल्कि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की गंभीर खामियों को उजागर करती है। अब देखना यह होगा कि जांच के बाद दोषियों पर क्या कार्रवाई की जाती है।

दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग
आदर्श के परिवार और रेलवे कर्मचारियों ने इस मामले में न्याय की मांग की है। वहीं, शहरवासियों ने इस घटना पर गहरा रोष व्यक्त किया है और चिकित्सा सेवाओं में सुधार की अपील की है।