रायपुर। गौठानों को ग्रामीण आजीविका केंद्र के रूप में विकसित करने की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच का जमीनी क्रियान्वयन अद्भुत रहा है। जैविक खाद को आगे बढ़ाने की उनकी सोच ने आय के ऐसे अवसर स्वसहायता समूह को उपलब्ध कराए हैं जिसमें मामूली निवेश पर बेहतरीन रिटर्न है। चंदखुरी में सिंधुजा स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने पिछले वर्ष रायपुर से आस्ट्रेलियन प्रजाति के एक क्विंटल केंचुए मंगवाये थे। एक साल के भीतर ही केंचुए इतनी मात्रा में बढ़ गये कि पहले साल का उत्पादन 20 क्विंटल रहा। इसे बेचकर समूह ने ढाई लाख रुपए कमाये। इन्हीं केंचुओं की सहायता से इस बार भी समूह ने 20 क्विंटल केंचुए तैयार कर लिये हैं। इनके विक्रय से भी समूह को इतनी ही आय प्राप्त होगी।
केंचुआ बेचकर महिला समूह ने कमाए ढाई लाख रुपए : केंचुआ पालन से बेहतर रिटर्न की गारंटी
RELATED ARTICLES