विराट कोहली की रणजी ट्रॉफी में धमाकेदार वापसी: ‘किंग कोहली’ के जादू से दिल्ली में उमड़ी दर्शकों की बेमिसाल भीड़

नई दिल्ली:  विराट कोहली की रणजी ट्रॉफी में वापसी ने क्रिकेट प्रेमियों का उत्साह सातवें आसमान तक पहुंचा दिया, और दिल्ली के अरूण जेटली स्टेडियम में इसका जबरदस्त असर दिखा। दिल्ली और रेलवे के बीच खेले गए इस मैच में कोहली की मौजूदगी के कारण दर्शकों की भीड़ इतनी बढ़ी कि स्टेडियम की सामान्य क्षमता को भी पार कर गई। रणजी ट्रॉफी मैच में कोहली 12 साल बाद खेल रहे थे, और उनकी वापसी ने क्रिकेट जगत को एक नई उम्मीद दी। डीडीसीए (दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ) ने इस मैच के लिए लगभग 10,000 दर्शकों की उपस्थिति का अनुमान लगाया था, जो रणजी ट्रॉफी के लिए रिकॉर्ड होता, लेकिन कोहली की स्टार पावर के चलते यह आंकड़ा बहुत बढ़ गया।

स्टेडियम में हजारों लोग पहले से ही कतारों में खड़े थे और मैच शुरू होने से पहले ही बिशन सिंह बेदी स्टैंड को खोलने की जरूरत पड़ी। पहले 6000 दर्शकों के लिए बनाए गए गौतम गंभीर स्टैंड को भरने के बाद, 14,000 दर्शकों की क्षमता वाला बिशन सिंह बेदी स्टैंड भी खोलना पड़ा। दर्शकों की इतनी भारी भीड़ ने कोहली के प्रति उनकी दीवानगी को एक बार फिर से साबित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला भी उसी वक्त स्टेडियम के पास से गुजर रहा था, जब भीड़ आ रही थी, लेकिन सुरक्षा के सख्त इंतजामों के बावजूद दर्शकों का उत्साह कम नहीं हुआ।

डीडीसीए सचिव अशोक शर्मा ने कहा कि 30 सालों में वह पहली बार रणजी ट्रॉफी मैच में ऐसी भारी भीड़ देख रहे थे। कोहली की लोकप्रियता का जादू इस मैच में साफ तौर पर दिखा। मैच के दौरान स्टेडियम में “कोहली-कोहली” के नारे गूंज रहे थे, और कोहली के मैदान पर कदम रखते ही दर्शकों ने उनका भरपूर समर्थन किया। कोहली दूसरी स्लिप में फील्डिंग कर रहे थे और उनकी हर मूवमेंट पर दर्शक तालियां बजा रहे थे। एक उत्साहित दर्शक तो सुरक्षा घेरा तोड़कर कोहली के पास पहुंचा और उनके पैर छूने की कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उसे बाहर ले जाकर स्थिति को नियंत्रित किया।

यह मैच न केवल क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक यादगार पल बना, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि विराट कोहली का जादू आज भी क्रिकेट जगत में कायम है।