रायपुर। जर्मन इंजीनियरिंग फेडरेशन (वीडीएमए) की ओर से छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास के लिए जर्मन प्रौद्योगिकी पर संगोष्ठी हुई। इसमें छत्तीसगढ़ चैम्बर को भी आमंत्रित किया गया था। 6 प्रतिष्ठित जर्मन कंपनियां ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। उद्योग सचिव आर.संगीता, सीएसआईडीसी प्रबंध निर्देशक पी.अरुण प्रसाद, महाप्रबंधक ओपी बंजारे भी शामिल थे।
उद्घाटन सत्र में मार्जा इनिग- उप महावाणिज्य दूत,मुंबई में जर्मन वाणिज्य दूतावास अंजनी कुमार- कार्यकारी निदेशक (कार्य), भिलाई स्टील प्लांट और संजय चौबे प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज-उद्योग चैम्बर भी मौजूद थे।
राजेश नाथ प्रबंध निदेशक वीडीएमए इंडिया ने अपने उद्घाटन भाषण में उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ राज्य में स्थानीय आपूर्तिकर्ता भारत में जर्मन कंपनियों के लिए आपूर्तिकर्ताओं के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इनिग ने स्वचालन और डिजिटलीकरण में जर्मन उद्योग की ताकत पर प्रकाश डाला। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जर्मन उद्योग के लिए स्थिरता महत्वपूर्ण है।
संजय चौबे ने स्थानीय उद्योग के सामने आने वाले मुद्दों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि कैसे इंडस्ट्री 4.0 एवं इंडस्ट्रीयल इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स को अपनाकर स्वचालन उद्योग की मदद कर सकता है। चौबे ने बताया की आगमी दिनों में छत्तीसगढ़ के उधमियों के लिए इंडस्ट्री 4.0 एवं आईआईओटी पर कार्यशाला आयोजित करने पर वेदमा के साथ सहमती बनी। छतीसगढ़ के उधोगों के विकास में जर्मन उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, संजय चौबे ने प्रदेश के उधमियों से जर्मन सरकार की भारत के उधमियों के लिए एसीएस (एक्सपर्ट) को अपने उधोग में जर्मनी की सरकार के व्यव पर अपने उधोग में सुधार कर सकते है ।
भिलाई स्टील प्लांट के अधिशासी निर्देशक अंजनी कुमार ने देश के बुनियादी ढांचे के विकास में स्टील की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। इस बात पर प्रकाश डाला कि इसका उद्देश्य इस्पात उत्पादन में उत्सर्जन को कम करना है। इस कार्यक्रम में भिलाई स्टील प्लांट, जिदल स्टील प्लांट, निको के अधिकारी सहित चैम्बर के प्रदेश मंत्री शंकर बजाज, निलेश मूंदड़ा, युवा चेम्बर मंत्री जयेश पटेल, पियूष पटेल सहित बहुत से उद्यमियों सहित उद्योग क्षेत्र लगभग 60 लोगों ने भाग लिया।