अमेरिकी चुनाव परिणाम: सीनेट में रिपब्लिकन का कब्जा, डेमोक्रेटिक पार्टी को नुकसान

 वॉशिंगटन:  अमेरिका में हुए हालिया चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी ने बड़ा राजनीतिक मोड़ लेते हुए सीनेट में बहुमत प्राप्त कर लिया है। सीनेट, जो 100 सदस्यों का उच्च सदन है, में इस बार केवल 34 सीटों पर ही चुनाव हुए थे, जबकि बाकी 66 सीटों पर पहले से ही सदस्य स्थापित हैं। इन चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी ने अपनी पकड़ मजबूत करते हुए 51 सीटों का आंकड़ा छू लिया है, जबकि डेमोक्रेट पार्टी 49 सीटों के साथ पीछे रह गई। ओहायो में रिपब्लिकन उम्मीदवार बर्नी मोरेनो ने डेमोक्रेट सीनेटर शेरोड ब्राउन को हराकर सीनेट में अपनी जगह बनाई, जबकि वेस्ट वर्जीनिया के गवर्नर जिम जस्टिस ने रिटायर हुए सीनेटर जो मेनंशिन की सीट पर कब्जा कर रिपब्लिकन की बढ़त को और मजबूत किया।

इस बार का चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक भी साबित हुआ है, क्योंकि पहली बार सीनेट में दो अश्वेत महिलाएं चुनी गई हैं। डेलावेयर से लीजा ब्लंट रोचस्टर और मैरीलैंड से एंजेला एलसोब्रुक्स ने डेमोक्रेट पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए सीनेट में अपनी जगह बनाई है, जो अमेरिका के राजनीतिक और सामाजिक विकास का प्रतीक माना जा रहा है।

राष्ट्रपति चुनाव में भी रिपब्लिकन पार्टी की बढ़त देखने को मिल रही है। रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप 230 इलेक्टोरल कॉलेज वोट के साथ बहुमत की ओर बढ़ रहे हैं, जबकि डेमोक्रेट उम्मीदवार और मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस 205 वोट के साथ पीछे चल रही हैं। स्विंग स्टेट्स में ट्रंप की जीत ने यह संकेत दिया है कि अवैध अप्रवासियों और सीमा सुरक्षा के मुद्दे ने मतदाताओं पर गहरा प्रभाव डाला है। ऐसे में, चुनाव प्रचार में ट्रंप की रणनीति और कड़े संदेश देने की शैली ने रिपब्लिकन पार्टी को मजबूत बढ़त दिलाई है।

इस चुनाव का असर अमेरिकी राजनीति के आने वाले वर्षों पर गहरा पड़ने वाला है। जहां सीनेट और निचले सदन दोनों में रिपब्लिकन पार्टी का दबदबा स्थापित होता दिख रहा है, वहीं डेमोक्रेट पार्टी को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है, ताकि वे अपने खोए हुए समर्थन को दोबारा हासिल कर सकें।