“उर्फी जावेद ने समय रैना के शो से किया वॉकआउट, स्लट शेमिंग पर बोला बड़ा बयान”
सोशल मीडिया पर अपने बयान और फैशन सेंस के लिए अक्सर चर्चित रहने वाली उर्फी जावेद ने हाल ही में एक लोकप्रिय टीवी शो इंडियाज गॉट लेटेंट में अपने साथ हुई घटनाओं को लेकर बवाल मचाया। उर्फी शो में बतौर गेस्ट आई थीं, लेकिन कुछ कंटेस्टेंट्स द्वारा उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी किए जाने के बाद उर्फी शो से बीच में ही बाहर चली गईं। शो में हुई इस विवाद पर उर्फी ने अब सोशल मीडिया पर खुलकर अपनी बात रखी है और अपने कदम उठाने की वजह बताई है।
उर्फी ने आरोप लगाया कि शो में दो कंटेस्टेंट्स ने उनकी स्लट शेमिंग की और उन्हें गलत तरीके से टैग किया। उन्होंने खुलासा किया कि एक कंटेस्टेंट ने तो उन्हें एडल्ट फिल्म की अभिनेत्री मिया खलीफा से भी तुलना कर दी, जो उनके लिए काफी अपमानजनक था। उर्फी ने इस अनुभव को साझा करते हुए लिखा कि यह सब केवल टीआरपी और दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए किया गया। सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उर्फी ने यह भी लिखा, “आजकल लोगों को लगता है कि किसी को गाली देना या शर्मिंदा करना ठीक है, सिर्फ अपनी प्रसिद्धि बढ़ाने के लिए।”
उर्फी ने साथ ही यह भी कहा कि वे उस वक्त शो में मौजूद दर्शकों और बाकी लोगों की प्रतिक्रिया से काफी परेशान थीं, क्योंकि किसी ने भी इस पर आवाज़ नहीं उठाई। उर्फी ने खुलासा करते हुए यह भी कहा कि शो में एक कंटेस्टेंट ने उन्हें उनके बॉडी काउंट के बारे में भी पूछा, जिससे वह काफी असहज हो गईं। उनके मुताबिक, उन्होंने सवाल पूछने वाले व्यक्ति से इसका विरोध किया, लेकिन स्टेज पर इस तरह की अनकही और अपमानजनक बातें करना काफी अजीब था।
उर्फी ने पोस्ट में यह भी बताया कि जिस व्यक्ति ने उन्हें गालियाँ दीं, वह इस घटना को हल्के में नहीं ले रहा था और न ही वह मजाक कर रहा था। उर्फी का मानना था कि इस तरह की मानसिकता और टिप्पणियों को टीआरपी के नाम पर स्वीकार करना ठीक नहीं है। वह खुद को इस सब से दूर करने के बजाय, अपनी आवाज़ उठाने का फैसला कर चुकी थीं, क्योंकि उनका मानना था कि इस तरह की भावनात्मक हिंसा को चुप रहकर सहना कोई विकल्प नहीं है।
उर्फी का यह बयान और उनका वॉकआउट इस बात को और भी स्पष्ट करता है कि वे अपमानजनक व्यवहार के खिलाफ खड़ी हैं और महिलाओं के प्रति ऐसी भद्दी टिप्पणियाँ या भेदभाव को सहन नहीं करेंगी। उनके इस कदम ने उनके फैंस और अन्य मशहूर हस्तियों को भी अपने अनुभवों को साझा करने की प्रेरणा दी है और यह दिखाया है कि जब किसी को घेरने और अपमानित करने की कोशिश की जाती है, तो वो पल न केवल टीआरपी के नाम पर बल्कि समाज में बेहतर बदलाव के लिए भी आवश्यक है।