“केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की त्रिपुरा यात्रा: ब्रू-रियांग समुदाय के लिए विकास और अधिकारों पर जोर”
त्रिपुरा : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा की अपनी यात्रा के दौरान राज्य में विकास और आदिवासी समुदायों की समस्याओं पर महत्वपूर्ण बयान दिए। त्रिपुरा के धलाई जिले के कुलाई RF विलेज ग्राउंड में 668.39 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए, शाह ने खासकर ब्रू-रियांग समुदाय के दर्दनाक हालात पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में, जब CPI(M) और कांग्रेस राज्य में सत्ता में थे, उन्होंने कभी इस समुदाय की दुर्दशा पर ध्यान नहीं दिया। शाह ने आरोप लगाया कि इन समुदायों के लोग अत्यंत कठिन परिस्थितियों में रहते थे, जहां उन्हें पानी, बिजली और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव था।
शाह ने भाजपा सरकार के गठन के बाद ब्रू-रियांग समुदाय के लिए किए गए बदलावों का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद लगभग 40,000 ब्रू-रियांग लोगों को बसाया गया, साथ ही उन्हें बेहतर शैक्षिक सुविधाएं और स्वच्छ पानी की सुविधा भी दी गई। इसके अलावा, शाह ने दावा किया कि त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा की सरकार के तहत अन्य विकासात्मक कार्य भी किए गए हैं, जिससे इन समुदायों की जीवनशैली में सुधार आया है।
इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने आदिवासी लोगों के अधिकारों और सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी जोर दिया। इससे पहले, उन्होंने त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएडीसी) के प्रतिनिधियों से एक बैठक की, जिसमें मुख्यमंत्री माणिक साहा और भाजपा के वरिष्ठ नेता भी शामिल थे। बैठक में आदिवासी लोगों की भलाई और उनकी समस्याओं के समाधान पर चर्चा की गई।
गृह मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र के लिए ‘टिप्रासा समझौते’ के तहत किए गए उपायों और प्रगति पर भी चर्चा की, जिसे पहले मार्च में टीटीएडीसी और राज्य सरकार ने मिलकर लागू किया था। शाह ने टिप्रासा समुदाय के नेताओं को भरोसा दिलाया कि उनके मुद्दों का समाधान जल्दी किया जाएगा, और इस दिशा में तत्परता से काम किया जाएगा।
इनके अलावा, टिपरा मोथा सुप्रीमो प्रद्योत किशोर देबबर्मा ने गृह मंत्री शाह से अपनी मुलाकात के दौरान टिप्रासा समझौते पर भी चर्चा की। देबबर्मा ने यह स्वीकार किया कि शाह ने इस समुदाय की समस्याओं को शीघ्र सुलझाने की दिशा में कदम उठाने की बात कही और इसका स्वागत किया।
इस बैठक में हुई चर्चा और प्रस्तावित उपायों ने स्पष्ट किया कि त्रिपुरा में आदिवासी समुदायों के विकास और उनके अधिकारों के लिए भाजपा सरकार प्रतिबद्ध है। इस तरह की बैठकें और विकासात्मक योजनाएं त्रिपुरा में जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं।