“जूनियर विश्व चैंपियनशिप में समय पर न पहुंचने पर उमेश चौधरी को मिला जुर्माना, पदक की संभावना खत्म”

लीमा:  पेरू के लीमा में आयोजित आईएसएसएफ जूनियर निशानेबाजी विश्व चैंपियनशिप में एक अप्रत्याशित घटना के चलते भारतीय निशानेबाज उमेश चौधरी को गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ा। 20 वर्षीय उमेश चौधरी, जो 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में पदक की उम्मीद कर रहे थे, अभ्यास क्षेत्र में देर से पहुंचने के कारण उन्हें फाइनल मुकाबले में दो अंक का जुर्माना झेलना पड़ा। इस निर्णय के बाद चौधरी स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर हो गए और अंततः छठे स्थान पर रहे।

यह जुर्माना आईएसएसएफ के नियम 6.17.1.3 के तहत लगाया गया, जो साफ तौर पर अभ्यास क्षेत्र में समय पर न पहुंचने की स्थिति में निष्कासन या जुर्माने की व्यवस्था करता है। चौधरी, जिन्होंने क्वालिफिकेशन दौर में शानदार प्रदर्शन करते हुए 580 के स्कोर के साथ तीसरा स्थान हासिल किया था, फाइनल में अपने पहले शॉट पर जुर्माने के बाद केवल 7.4 अंक प्राप्त कर पाए। यदि यह जुर्माना नहीं लगाया जाता, तो वह स्वर्ण पदक जीतने की पूरी संभावना रखते थे।

इस घटना के बाद भारतीय निशानेबाजी टीम के कोचिंग स्टाफ और सहयोगियों की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। 60 सदस्यीय भारतीय दल में कोच और सहायक स्टाफ के साथ इस प्रकार की गलती होने से चौधरी की पदक जीतने की संभावनाओं पर गहरा असर पड़ा। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के सचिव राजीव भाटिया ने घटना पर टिप्पणी करने से मना कर दिया, लेकिन स्वीकार किया कि यह घटना गंभीर है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना की पूरी जानकारी नहीं है और उन्हें इस बारे में पेरू में मौजूद अधिकारियों से जानकारी लेनी होगी।

जब उनसे पूछा गया कि क्या कोचों को इस प्रकार की स्थितियों में अधिक सतर्क रहना चाहिए था, तो भाटिया ने स्पष्ट किया कि निशानेबाजों की भी जिम्मेदारी होती है कि वे प्रतियोगिता के नियमों से अच्छी तरह वाकिफ हों। उन्होंने कहा, “क्या आप मानते हैं कि केवल कोचों की जिम्मेदारी है? निशानेबाजों को भी यह पता होना चाहिए कि वह विश्व चैंपियनशिप जैसी महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं, जहां हर नियम का पालन अनिवार्य होता है।”

यह पहली बार नहीं है जब भारतीय निशानेबाजों को नियम उल्लंघन के कारण जुर्माने का सामना करना पड़ा हो। 2021 में भी, ओसिजेक में आयोजित आईएसएसएफ विश्वकप के दौरान, भारतीय ओलंपियन एलावेनिल वलारिवन ने एक शॉट का विरोध किया था, जिसके बाद जूरी ने उसे गलत साबित कर दिया और उन्हें भी दो अंक का जुर्माना लगाया गया था।

इस घटना ने भारत की जूनियर निशानेबाजी टीम की तैयारियों और सहयोगियों की सतर्कता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उमेश चौधरी जैसे प्रतिभाशाली निशानेबाज को एक प्रशासनिक त्रुटि के कारण अपनी पदक की उम्मीदों से हाथ धोना पड़ा, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि वैश्विक प्रतिस्पर्धाओं में हर छोटे नियम का पालन कितना महत्वपूर्ण होता है।