अमर शहीद गेंद सिंह के शहादत दिवस पर नमन: स्वतंत्रता संग्राम के नायक को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दी श्रद्धांजलि
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में अमर शहीद गेंद सिंह के शहादत दिवस के उपलक्ष्य में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में गेंद सिंह के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे केवल बस्तर क्षेत्र के आदिवासी समाज के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि परलकोट जमींदारी के जमींदार के रूप में शहीद गेंद सिंह ने ब्रिटिश शासन के शोषण और अन्याय के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई और स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया।
शोषण के खिलाफ संघर्ष और स्वतंत्रता का अलख
गेंद सिंह ने अंग्रेजों के कठोर और शोषणकारी नीतियों का विरोध करते हुए जनता को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया। ब्रिटिश अधिकारियों के अन्याय का सामना करते हुए उन्होंने समाज के शोषित वर्ग की आवाज को बुलंद किया और स्वतंत्रता आंदोलन का शंखनाद किया। उनका साहस और बलिदान आदिवासी समाज के उत्थान और मातृभूमि की मुक्ति के लिए एक मिसाल बन चुका है।
आदिवासी समाज और क्षेत्रीय अधिकारों के लिए बलिदान
बस्तर के आदिवासी भाई-बहनों के अधिकारों की रक्षा और उनकी स्वतंत्रता के लिए शहीद गेंद सिंह का संघर्ष उनकी असीम देशभक्ति और समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक अंग्रेजी शासन की अन्यायपूर्ण नीतियों का विरोध किया। उनका बलिदान हमेशा युवा पीढ़ी को प्रेरणा देता रहेगा कि कैसे अपने देश और समाज के लिए अपना सर्वस्व समर्पित किया जा सकता है।
देशसेवा और प्रेरणास्त्रोत
मुख्यमंत्री साय ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे शहीद गेंद सिंह के जीवन और बलिदान से प्रेरणा लें और समाज के उत्थान के लिए अपना योगदान दें। उन्होंने कहा, “हम सभी को उनके बलिदान को स्मरण कर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि हम एक सशक्त और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकें।”
समारोह में विशिष्ट उपस्थिति
इस अवसर पर अखिल भारतीय हलबा हलबी आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ केंद्रीय महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र महला, आई.आर. देहारी, और समाज के अन्य गणमान्य सदस्यों ने भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी ने शहीद गेंद सिंह के योगदान को याद करते हुए समाज की प्रगति और उनके सिद्धांतों पर अमल करने का आह्वान किया।
एक प्रेरणा का स्रोत
अमर शहीद गेंद सिंह का त्याग और बलिदान केवल इतिहास में दर्ज नहीं है, बल्कि वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उनकी कहानी एक प्रेरणा का स्रोत है। उनकी शहादत स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है, जो हर भारतीय को न केवल अपने कर्तव्यों के प्रति सजग करता है, बल्कि देशभक्ति का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।