“मुंगेली में जनजातीय गौरव दिवस: आदिवासी समाज की संस्कृति और संघर्ष का उत्सव”

मुंगेली :  मुंगेली जिले में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सारंगढ़ में आयोजित जिला स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम का आयोजन पूर्व मंत्री और वर्तमान मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस विशेष अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा के चित्र के सामने दीप प्रज्ज्वलित कर पूजा अर्चना की गई, और कार्यक्रम की शुरुआत अत्यंत श्रद्धा और सम्मान के साथ की गई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण भी लाइव प्रसारण के माध्यम से उपस्थित नागरिकों द्वारा सुना गया, जो कि एक महत्वपूर्ण अनुभव था।

कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने आयोजन को और भी रंगीन बना दिया। जय बूढ़ादेव कर्मा पार्टी भंडोरा, सारंगढ़, जशपुर जिले के आदिवासी समाज के सरकारी कर्मियों के समूह द्वारा प्रस्तुत शानदार नृत्य ने सभा को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा, बरमकेला, लेंधरा, साल्हेओना, बिलाईगढ़, सारंगढ़ भटगांव के प्री एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावास के छात्र-छात्राओं और स्वामी आत्मानंद स्कूल बरमकेला तथा शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सारंगढ़ के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत नृत्य ने दर्शकों का दिल जीता।

मुख्य अतिथि पुन्नूलाल मोहले के साथ कार्यक्रम में पूर्व सांसद लखनलाल साहू, विधायक उत्तरी जांगड़े और गणमान्य नागरिक सुभाष जालान ने आदिवासी समाज की गौरवमयी परंपराओं को याद करते हुए भगवान बिरसा मुंडा के योगदान की सराहना की। इन नेताओं ने जल, जंगल, और जमीन के संरक्षकों के रूप में आदिवासी समाज की महत्ता को रेखांकित किया। इस दिन आदिवासी समाज के प्रमुखों और शासकीय विद्यालयों के शिक्षकों को सम्मानित किया गया और उनकी सराहना की गई।

अतिथियों को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया, और इस आयोजन में सहायक आयुक्त बद्रीश सुखदेवे सहित विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों का सहयोग भी सराहनीय था। इस भव्य आयोजन में पूर्व विधायक केराबाई मनहर, जिला पंचायत सदस्य अजय नायक, वैजयंती लहरे, आदिवासी समाज के अध्यक्ष रामनाथ सिदार और जिले के अन्य प्रमुख अधिकारी जैसे एसडीएम प्रखर चंद्राकर, डिप्टी कलेक्टर अनिकेत साहू, जिला शिक्षा अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद पटेल भी उपस्थित थे।

यह आयोजन आदिवासी समाज की संस्कृति, गौरव और संघर्ष की प्रेरणादायक गाथाओं को उजागर करने के साथ ही उनके योगदान को समाज में सम्मानित करने का एक सशक्त प्रयास था।