प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 6:30 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक में 18 से 22 सितंबर तक संसद के विशेष सत्र में पेश किए जाने वाले विधेयकों पर चर्चा होने की संभावना है। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा को संबोधित किया और सदनों के इतिहास और महत्व पर विचार किया। प्रधान मंत्री ने उस “भावनात्मक क्षण” के बारे में भी बात की जब वह 2014 में वाराणसी से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद पहली बार संसद में पहुंचे थे।
पीएम मोदी ने 1971 के युद्ध के दौरान पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी और उनके नेतृत्व के बारे में बात की और 1975 में आपातकाल लगाए जाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सांसदों के लिए यह विशेष सौभाग्य का विषय है और वह इसलिए क्योंकि हमें इतिहास और भविष्य दोनों की कड़ी का हिस्सा होने का अवसर मिला है। हम नए संसद में जाएंगे तो एक नए विश्वास के साथ जाएंगे। मैं सभी सदस्यों व अन्य के द्वारा दिए गए अपने योगदान के लिए धन्यवाद करता हूं। उन्होंने पहले भारतीय प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के बारे में बात की और उनके “एट द स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट” भाषण की सराहना की। वहीं, खबर है कि मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए एक पैनल बनाने वाले विधेयक को विपक्ष के विरोध के बाद विधायी कार्य की सूची से हटा दिया गया है।
यह भी बताया जा रहा है कि संसद के पांच दिवसीय सत्र में कई चौंकाने वाले कदम उठाए जा सकते हैं. हालांकि सत्र के लिए सूचीबद्ध एजेंडे का एक मुख्य विषय संविधान सभा से शुरू हुई संसद की 75 वर्ष की यात्रा पर एक विशेष चर्चा है. सरकार ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के प्रावधानों वाले विधेयक को भी सत्र में चर्चा एवं पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया है. यह विधेयक पिछले मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था. सरकार के एजेंडे में कुल 4 विधेयक हैं, जिन्हें वह पेश करेगी. लेकिन विपक्ष को आशंका है कि कुछ और बड़ा भी हो सकता है.