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छत्तीसगढ़ की तीन योजनाओं को मिली राष्ट्रीय स्तर में पहचान,भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में चिप्स ने की अनूठी पहल

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन की ओर से संचालित तीन महत्वपूर्ण योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। ऑफ़लाइन शिक्षा के लिए ब्लूटूथ आधारित ई-शिक्षा समाधान बुल्टू के बोल, राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में नगद भुगतान हेतु डिजिपे सखी और गोधन न्याय योजना को भारत सरकार की ओर से आज़ादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर जारी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन स्टोरीज की किताब में प्रकाशित किया गया है। चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई ने बताया कि देश कि स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर मनाए जा रहे आज़ादी का अमृत महोत्सव के लिए देश के सभी राज्यों में डिजिटल इंडिया के अंतर्गत किए गए अभिनव नवाचारों को सम्मिलित कर भारत सरकार की ओर से बुकलेट प्रकाशित की गई है। इसमें राज्य शासन की ओर से संचालित तीन योजनाओं को स्थान दिया गया है। बुकलेट के प्रकाशन मंडल में देश भर के आईटी विशेषज्ञों के साथ-साथ चिप्स के संयुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी एसईएमटीके नीलेश सोनी को भी शामिल किया गया है।

समीर विश्नोई ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर पशुधन के माध्यम से पशुपालकों के आय में वृद्धि करने के लिए कृषि विभाग की ओर से संचालित गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण आदि अनेक आयमूलक गतिविधियां संचालित की जा रही है। इसके लिए चिप्स की ओर से मोबाइल एप और वेबसाइट का निर्माण किया गया है। एप के माध्यम से गोबर विक्रेताओं और स्व-सहायता समूह को जोड़ा गया है। साथ ही एप से गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने की जानकारी एवं विक्रय की व्यवस्था भी की गई है। योजना के हितग्राहियों को सीधे उनके बैंक एकाउंट में भुगतान किया जा रहा है। योजना से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण रहवासियों को अनेक लाभ मिल रहे हैं जैसे- उच्च क्वालिटी के वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट खाद गांव के स्तर पर न्यूनतम मूल्य में उपलब्ध हो रही है, प्राकृतिक खाद से मिटटी की उर्वरकता में वृद्धि हो रही है।

आम जन को रासायनिक खाद की जगह प्राकृतिक खाद के शुद्ध उत्पाद प्राप्त हो रहे हैं। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वालों को उनके घर के समीप ही बैंकिंग सुविधाएं और नगद भुगतान के लिए सामान्य सेवा केंद्र परियोजना के अंतर्गत प्रत्येक गाँव में नगद संगवारी कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत समाजिक सुरक्षा योजना, वृद्धावस्था पेंशन आदि अनेक योजनाओं के हितग्राहियों को नगद भुगतान किया जा रहा है। इससे गावों में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो रहे हैं। ऐसे ही बालोद जिले के छोटे से गाँव की निवासी पेशे से गृहणी सुनीति साहू की सफलता की कहानी इस बुकलेट में बताई गई है। आधुनिक नवाचारों को जमीनी स्तर तक पहुंचने के लिए छत्तीसगढ़ शासन प्रतिबद्ध है। इसके लिए राज्य के विद्यार्थियों तक ऑफ़लाइन शिक्षा समाग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की से ब्लूटूथ आधारित ई-शिक्षा समाधान “बुल्टू के बोल” प्रारम्भ किया गया है। इसमें कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों को शामिल किया गया है।

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