HomeNATIONALना रहेगा गवाह ना होगी सजा बिहार का लेटेस्ट क्राइम स्टाइल

ना रहेगा गवाह ना होगी सजा बिहार का लेटेस्ट क्राइम स्टाइल

अनिल पुसदकर की कलम से

रायपुर। बिहार में आज तड़के मॉर्निंग वॉक पर निकले रिटायर्ड शिक्षक को गोली मारकर इस दुनिया से रवाना कर दिया गया। उनका गुनाह भी वही था जो हाल ही में कत्ल किए गए पत्रकार का था। मृतक रिटायर्ड शिक्षक भी अपने ही पुत्र की हत्या के मुकदमे में गवाह थे। इससे पहले दिनदहाड़े कत्ल किए गए पत्रकार भी अपने भाई की हत्या के मामले में महत्वपूर्ण गवाह थे। मृतक शिक्षक के बेटे का भी कुछ साल पहले कत्ल हुआ था और वह उस मुकदमे के महत्वपूर्ण गवाह थे। तो क्या बिहार में क्राइम का नया स्टाइल सामने आया है?

अपराधी अब सीधे गवाह की हत्या कर सजा से बचने का इंतजाम कर रहे हैं? ना रहेगा गवाह ना होगी सजा! क्या यह अपराधियों का बिहार में नया मूल मंत्र है ?अगर इसी तरह गवाहों की हत्या होते रही तो फिर गवाही देने कौन सामने आएगा? कौन अपनी जान खतरे में डालेगा? क्या यह एक प्रकार से कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित करने का अप्रत्यक्ष तरीका नहीं है? क्या यह अपराध के फलने फूलने के लिए नए प्रकार का आज बीज नहीं है? आखिर जब जब सगे भाई और पिता की हत्या कर दी जा रही है? तो फिर आम आदमी कैसे चश्मदीद गवाह बन सकेगा?

कैसे हो अपनी जान की गारंटी लिए बिना गवाही देने जा पाएगा? आज की हत्या मामूली हत्या नहीं है। बल्कि वह सारे सिस्टम पर करारा तमाचा है। सारी प्रक्रियाओं के मुंह पर अपराधियों के थूकने का प्रमाण है। और इसके बाद भी अगर बिहार के मठाधीश यह कहते हैं राज्य में सब कुछ ठीक है, तो फिर उनको भी किसी हत्या के मामले में गवाह बनकर देख लेना चाहिए क्या सच में सब कुछ ठीक है?

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments