“कोसी नदी के उफान से बिहार में बाढ़ की तबाही की आशंका, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट”

सुपौल:  नेपाल में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कोसी नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है, जिससे बिहार में बाढ़ का संकट गहरा गया है। नेपाल प्रभाग स्थित कोसी और गंडक बराजों से बड़े पैमाने पर पानी छोड़ा गया है, जिससे कई जिलों में तबाही की आशंका बन गई है। प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए हाई अलर्ट जारी कर दिया है, और जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

पिछले 24 घंटों में कोसी नदी के जलस्तर में करीब 4 लाख क्यूसेक की वृद्धि दर्ज की गई है। शनिवार को नेपाल के बराह क्षेत्र में दोपहर 1 बजे करीब 4.45 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया, और कोसी बराज से लगभग 5.21 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसके परिणामस्वरूप बिहार के सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, कटिहार और भागलपुर जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। शाम होते-होते स्थिति और बिगड़ गई जब कोसी बराज से पानी का डिस्चार्ज 5.67 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया, जिससे बिहार के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई। इसके साथ ही नेपाल के फतुहा पुल के समीप लालबकेया नदी का बांध टूटने से भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों में तबाही का डर गहरा हो गया है।

सुपौल जिले में प्रशासन ने कोसी बराज से होने वाले पानी के डिस्चार्ज को देखते हुए वाहनों का परिचालन पूरी तरह से रोक दिया है। जिलाधिकारी कौशल कुमार ने खुद तटबंध की निगरानी का जिम्मा संभालते हुए अभियंताओं को तटबंध की सतत निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी के अनुसार, नेपाल में पिछले 24 घंटों के भीतर 200 एमएम से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे कोसी नदी में अचानक से जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। प्रशासन ने माइकिंग कर स्थानीय लोगों को आगाह किया है और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की अपील की है।

विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि पिछले 56 वर्षों में कोसी बराज से सबसे अधिक पानी छोड़े जाने का यह रिकॉर्ड है। संभावित बाढ़ और कटाव के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है। कई ग्रामीण इलाकों में लोग बाढ़ के डर से तटबंध के पास से पलायन कर रहे हैं। कोसी के जलस्तर में अचानक आई इस अप्रत्याशित वृद्धि से दहशत का माहौल बना हुआ है। लोग अपने घरों और सामानों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं।

बिहार के जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने सभी संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे स्थिति पर कड़ी नजर रखें और सभी प्रकार की आपातकालीन सेवाएं तैयार रखें। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्यों के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं ताकि संभावित बाढ़ से निपटने के लिए त्वरित कदम उठाए जा सकें।