दिल्ली के नए मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बरकरार, भाजपा की बैठकों का दौर जारी, शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां तेज
नई दिल्ली : दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर अभी भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन पार्टी के भीतर लगातार बैठकें हो रही हैं और इस मुद्दे पर मंथन जारी है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व की देखरेख में एक सर्वसम्मत नाम पर फैसला करेगी। इस बीच, शपथ ग्रहण समारोह को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं, जिसमें एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों सहित 200 से अधिक सांसदों को आमंत्रित किया जाएगा।
विधायक दल की बैठक टली, अब 19 फरवरी को होगी महत्वपूर्ण चर्चा
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर भाजपा विधायक दल की बैठक पहले 17 फरवरी को होने वाली थी, लेकिन अब इसे दो दिन आगे बढ़ाकर 19 फरवरी को रखा गया है। इस बैठक में भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक विधायकों से चर्चा करेंगे और उनके विचारों के आधार पर पार्टी अंतिम निर्णय लेगी। इसके बाद, मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए नेता का नाम सार्वजनिक किया जाएगा।
शपथ ग्रहण समारोह 20 फरवरी को, भव्य आयोजन की तैयारी
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह अब 19 फरवरी की बजाय 20 फरवरी को होगा। इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए भाजपा ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी के दो राष्ट्रीय महासचिव, विनोद तावड़े और तरुण चुग को इस समारोह की पूरी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा, भाजपा ने इस आयोजन के साथ-साथ एक विशाल रैली के आयोजन की भी योजना बनाई है, जिसमें पार्टी के बड़े नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री पद के लिए कौन हैं दावेदार?
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के भीतर मुख्यमंत्री पद के लिए कई नामों पर मंथन चल रहा है। इनमें प्रमुख रूप से नई दिल्ली विधानसभा सीट से विधायक प्रवेश वर्मा, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, पार्टी नेता रेखा गुप्ता और सतीश उपाध्याय के नाम चर्चा में हैं। हालांकि, अंतिम निर्णय भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा किया जाएगा, और यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की कमान किसके हाथ में सौंपी जाती है।
दिल्ली के लिए 100 दिनों का एक्शन प्लान
भाजपा की योजना है कि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान दिल्ली के लिए अगले 100 दिनों में किए जाने वाले कार्यों का खाका भी पेश किया जाए। इसमें प्रमुख रूप से जल आपूर्ति सुधार, प्रदूषण नियंत्रण, स्वच्छता, ट्रैफिक व्यवस्था और सरकारी सेवाओं को अधिक सुचारू बनाने पर जोर दिया जाएगा।
भाजपा की रणनीति और विपक्ष की प्रतिक्रिया
भाजपा दिल्ली में सरकार बनाने के लिए पूरी रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है, लेकिन विपक्षी दलों ने अभी से भाजपा पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने भाजपा पर जनता के विश्वास को धोखा देने का आरोप लगाया है और सवाल उठाए हैं कि बिना स्पष्ट जनादेश के भाजपा सरकार कैसे बना रही है।
अब सबकी निगाहें 19 फरवरी को होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक और 20 फरवरी को प्रस्तावित शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी हैं। जल्द ही यह साफ हो जाएगा कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा और भाजपा किस रणनीति के तहत राजधानी में अपनी सरकार का संचालन करेगी।