रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक से मिलकर भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री व छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 (6) को तुरन्त विलोपित करने के लिए जरूरी कार्यवाही करने की मांग की तथा इस मामले को मध्यप्रदेश विधानसभा में पारित अशासकीय संकल्प की भांति छत्तीसगढ़ विधानसभा में लाकर पेंशनरों के हित मे कार्यवाही करने का आग्रह किया। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने त्वरित जरूरी कार्यवाही करने का भरोसा दिया और कहा कि इस मामले को विधानसभा में लाकर राज्य शासन का ध्यान आकर्षित कर धारा 49 (6) को हटाकर आर्थिक भुगतानों की बाधा को दूर कर पेंशनरों को राहत दिलाया जाएगा।
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को अवगत कराया कि बीते 21 वर्षो में मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 को विलोपित कराने में दोनों राज्य सरकारों ने रुचि नहीं ली, जिसका खामियाजा राज्य के पेन्शनर भुगत रहे है। मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम के छटवीं अनुसूची की धारा 49 को विलोपित कर पेंशनरी दायित्व का बंटवारा आपस मे नही होने के कारण नियमो की बाध्यता के तहत 74 प्रतिशत राशि का भुगतान मध्यप्रदेश सरकार को और 26 प्रतिशत राशि का भुगतान छत्तीसगढ़ सरकार को मध्यप्रदेश के अनुमानित 5 लाख और छत्तीसगढ़ के 1 लाख पेंशनरों को इस तरह कुल 6 लाख से अधिक पेंशनर और परिवारिक पेंशनरों मिलकर करना होता है इसके लिए दोनो राज्य सरकारों में आपसी सहमति नही होने पर कोई भी भुगतान करना सम्भव नही हैं यह विगत 21 वर्षो से लगातार जारी हैं और पेंशनर महंगाई भत्ता एवं अन्य आर्थिक भुगतानों को लेकर परेशान हैं।
नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने राज्य के पेंशनरों के हित को ध्यान में रखकर निपटारे हेतु आश्वस्त किया है।