HomeNATIONALCHHATTISGARHसरकार की नीतियों से प्रदेश में आई खुशहाली: CM बघेल

सरकार की नीतियों से प्रदेश में आई खुशहाली: CM बघेल

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निजी चैनल द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ कॉन्क्लेव में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सभी वर्ग के लोगों के आर्थिक विकास की योजनाएं तैयार की। न सिर्फ छत्तीसगढ़ आर्थिक विकास की राह पर आगे बढ़ा अपितु छत्तीसगढ़ के लोगों में गौरव भाव भी बढ़ा है। CM भूपेश बघेल ने कहा कि हमने नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास की ठोस नींव रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 13 हजार नाले रिचार्ज किए, जहां भी यह काम हुआ, 7 सेमी से 13 सेमी तक जलस्तर बढ़ गया। किसानों को काफी लाभ हुआ।

एक फसल तो बची ही, दूसरे फसल के लिए भी पानी मिल गया। गरुवा योजना में गौ संरक्षण पर काम किया। 1 लाख 56 हजार हेक्टयर खेत सुरक्षित किये। गौठानों में मुर्गी पालन, मत्स्यपालन जैसी अन्य गतिविधियां शुरू की। 2 लाख से ज्यादा महिलाओं को रोजगार मिला। हमारे आधे से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। यह व्यवस्था स्थायी रूप से लोगों को लाभ देगी। नक्सली घटनाओं की वजह से हमारे कई स्कूल बंद हो गए थे। हमने जगरगुंडा जैसे जगह में स्कूल फिर शुरू कराए। 1100 करोड़ रुपये की लागत से स्कूलों का जीर्णाेद्धार प्रावधान में रखा गया। स्कूलों की पुताई गोबर से बने प्राकृतिक पेंट से की। हमने स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू कराए। (CM Bhupesh Baghel)

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ऐसे क्षेत्रों में इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू कराए। अंदरूनी क्षेत्रों में भी स्कूल आरम्भ कराए। हमारे स्कूलों में एडमिशन की बड़ी डिमांड है। स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि स्वास्थ्य में सारे पद भरे हुए हैं। पहले सर्जरी के लिए बाहर जाना होता था। अब जिलों में ही होता है। बलरामपुर में डायलिसिस हो जाता है। ओडिशा से मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं। यहां हाट बाजार में जाने की परंपरा है। हमने इसका लाभ उठाया और वहीं इलाज की सुविधा दी। लोग अस्पताल नहीं जाते लेकिन यहां जाते हैं तो इलाज कराते हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की बात करें तो आप कहते हैं कि हिंसा कम हुई है। फिर भी एक हादसा भी हो तो तकलीफ होती है।

एक फसल तो बची ही, दूसरे फसल के लिए भी पानी मिल गया। गरुवा योजना में गौ संरक्षण पर काम किया। 1 लाख 56 हजार हेक्टयर खेत सुरक्षित किये। गौठानों में मुर्गी पालन, मत्स्यपालन जैसी अन्य गतिविधियां शुरू की। 2 लाख से ज्यादा महिलाओं को रोजगार मिला। हमारे आधे से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। यह व्यवस्था स्थायी रूप से लोगों को लाभ देगी। नक्सली घटनाओं की वजह से हमारे कई स्कूल बंद हो गए थे। हमने जगरगुंडा जैसे जगह में स्कूल फिर शुरू कराए। 1100 करोड़ रुपये की लागत से स्कूलों का जीर्णाेद्धार प्रावधान में रखा गया। स्कूलों की पुताई गोबर से बने प्राकृतिक पेंट से की। हमने स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू कराए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ऐसे क्षेत्रों में इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू कराए। अंदरूनी क्षेत्रों में भी स्कूल आरम्भ कराए। हमारे स्कूलों में एडमिशन की बड़ी डिमांड है। स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि स्वास्थ्य में सारे पद भरे हुए हैं। पहले सर्जरी के लिए बाहर जाना होता था। अब जिलों में ही होता है। बलरामपुर में डायलिसिस हो जाता है। ओडिशा से मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं। यहां हाट बाजार में जाने की परंपरा है। हमने इसका लाभ उठाया और वहीं इलाज की सुविधा दी। लोग अस्पताल नहीं जाते लेकिन यहां जाते हैं तो इलाज कराते हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की बात करें तो आप कहते हैं कि हिंसा कम हुई है। फिर भी एक हादसा भी हो तो तकलीफ होती है।

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