केरल की मुख्य सचिव शारदा मुरलीधरन के साथ रंगभेद का मामला चर्चा में: सामाजिक भेदभाव पर उठे गंभीर सवाल, समर्थन में उतरे लोग

तिरुवनंतपुरम:  केरल की मुख्य सचिव शारदा मुरलीधरन को हाल ही में रंगभेद का सामना करना पड़ा, जिससे उन्होंने गहरी नाराजगी जाहिर की है। इस घटना के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक विस्तृत पोस्ट साझा करते हुए समाज में अब भी मौजूद रंगभेद की मानसिकता पर सवाल उठाया। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि आधुनिक समय में भी लोगों को उनके रंग के आधार पर आंका जाता है, जो न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि समाज की प्रगति के लिए भी एक गंभीर बाधा है। मुख्य सचिव का यह बयान तेजी से वायरल हो गया और सोशल मीडिया पर इस विषय को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ गई।

बड़ी संख्या में लोगों ने उनके समर्थन में आवाज उठाई और इस तरह की मानसिकता को बदलने की जरूरत पर जोर दिया। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और आम नागरिकों ने भी रंगभेद के खिलाफ खुलकर अपनी राय रखी और इसे खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की। यह घटना इस बात की ओर भी इशारा करती है कि भले ही समाज विकास की राह पर आगे बढ़ रहा हो, लेकिन रंगभेद जैसी संकीर्ण सोच आज भी मौजूद है, जो लोगों की गरिमा और आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाती है। मुख्य सचिव के अनुभव ने एक बार फिर इस गंभीर मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है और इससे जुड़े भेदभाव को जड़ से मिटाने की आवश्यकता पर बल दिया है। यह मामला केवल व्यक्तिगत अनुभव तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक आईना है, जो बताता है कि रंगभेद जैसी मानसिकता से अभी भी लड़ाई जारी है।