राज्यपाल ने दीक्षा महोत्सव में भाग लेकर मानवता और आत्मशुद्धि की साधना को सराहा
रायपुर: रायपुर के जैन दादाबाड़ी में आयोजित पंच दिवसीय दीक्षा महोत्सव के शुभ अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका की उपस्थिति ने आयोजन को और अधिक भव्य बना दिया। इस विशेष समारोह में राज्यपाल ने जैन धर्म की आस्थाओं और परंपराओं का सम्मान करते हुए मंदिर में विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने तपस्वी जैन मुनियों से प्रदेश की समृद्धि, शांति और जनकल्याण के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में मुमुक्षुओं द्वारा आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक साधना के लिए किए जा रहे 12 कठिन व्रतों और कठोर तपस्या की प्रशंसा की। उन्होंने इसे मानवता के प्रति त्याग, समर्पण और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक बताया। इस अवसर पर उन्होंने जैन धर्म के संदेशों की वैश्विक प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अहिंसा, संयम और तप का मार्ग आज के समय में भी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
महोत्सव में जैन धर्म की विभिन्न गतिविधियों और आध्यात्मिक प्रवचनों का आयोजन किया गया, जिनमें श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। राज्यपाल ने तपस्वी मुनियों और मुमुक्षुओं के साहस, त्याग और अध्यात्मिक समर्पण को सराहा और उनके प्रयासों को समाज में नैतिकता और सच्चाई के प्रसार के लिए महत्वपूर्ण बताया।
इस भव्य आयोजन में रायपुर (उत्तर) क्षेत्र के विधायक पुरंदर मिश्रा भी उपस्थित रहे, जिन्होंने अपने विचार साझा करते हुए जैन धर्म की शिक्षाओं को समाज के विकास के लिए प्रेरणादायक बताया। महोत्सव में जैन समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया, जिससे आयोजन का माहौल श्रद्धा और उत्साह से भर गया।
दीक्षा महोत्सव ने न केवल जैन धर्म के अनुयायियों को बल्कि अन्य लोगों को भी आध्यात्मिकता, संयम और मानवता के मूल्यों को समझने का अवसर प्रदान किया। समारोह में उपस्थित सभी ने तपस्वियों के त्याग को नमन करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।