अतिक्रमण हटाने के दौरान DSP की सख्ती से फल विक्रेता को आया हार्ट अटैक, मौके पर मौत से भड़के दुकानदारों ने किया उग्र प्रदर्शन

भागलपुर:  भागलपुर के जोकसर थाना क्षेत्र स्थित घंटाघर चौक से एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रशासनिक कार्रवाई के कारण एक गरीब फल व्यवसायी की जान चली गई। घटना शुक्रवार की है, जब यातायात डीएसपी अपने दल-बल के साथ फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों को हटाने के लिए पहुंचे थे। प्रशासन की इस कार्रवाई के दौरान महेंद्र साह नामक एक फल विक्रेता, जो वर्षों से सड़क किनारे अपनी दुकान चला रहा था, अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब अधिकारियों ने दुकानदारों को सड़क खाली करने का आदेश दिया, तो महेंद्र साह ने भी अपना सामान समेटना शुरू कर दिया, लेकिन इसी दौरान यातायात डीएसपी ने न केवल उन्हें डांटा, बल्कि कथित तौर पर अपशब्द भी कहे और उन पर हाथ छोड़ दिया। इस पूरी घटना से सदमे में आए महेंद्र साह को हार्ट अटैक आ गया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया और गुस्साए दुकानदारों व स्थानीय लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आरोप लगाया कि गरीब दुकानदारों को प्रताड़ित किया जाता है, जबकि बड़े व्यापारियों को प्रशासन की तरफ से कोई रोक-टोक नहीं की जाती। देखते ही देखते सड़क पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई, जिससे यातायात प्रभावित हुआ और पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि दोषी अधिकारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।

घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय राजनीतिक नेता घटनास्थल पर पहुंचे। एसडीएम धनंजय कुमार, नगर विधायक अजीत शर्मा, सीटी डीएसपी अजय कुमार चौधरी और भाजपा नेता रोहित पांडे ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने का प्रयास किया। कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने इस घटना को प्रशासन की बड़ी नाकामी करार देते हुए कहा कि यह पूरी तरह से असंवेदनशील और अन्यायपूर्ण कृत्य है, जिसमें गरीब दुकानदारों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि सरकार को इस मामले में जवाब देना होगा।

वहीं, प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराने के लिए जांच के आदेश दिए और मृतक के परिवार को अनुदान राशि जल्द से जल्द देने का आश्वासन दिया। एसडीएम धनंजय कुमार ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और यदि किसी भी अधिकारी की गलती साबित होती है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन दुकानदारों ने साफ कर दिया कि जब तक दोषी अधिकारी के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए जाते, वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। इस घटना ने एक बार फिर प्रशासनिक कार्रवाई की संवेदनहीनता पर सवाल खड़े कर दिए हैं और गरीब दुकानदारों की सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है।