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Video: बहू से प्रताड़ित ससुर ने उठाई आवाज, मिला न्याय, कोर्ट ने कहा– बहू घर खाली करें

संध्या सिंह

दुर्ग। दुर्ग तहसीलदार राजसव कोर्ट के माध्यम से सीनियर सिटीजन को प्रताड़ित करने वाली बहू को 15 दिन में घर से बेदखल करने का आदेश जारी किया गया है गौरतलब है कि अगर बहू 15 दिन में खाली नहीं करती है तो तहसीलदार ने अपने आदेश में यह भी कहा कि थाना प्रभारी पर्याप्त महिला बल के प्रयोग से घर को खाली करें।

दरअसल पूरा मामला दुर्ग के मोहन नगर थाना अंतर्गत विजयनगर में निवासरत 72 वर्षीय बुजुर्ग बाबुल लाल से जुड़ा हुआ है जहां वे अपने बहु की प्रताड़ना से तंग आकर पुलिस का दरवाजा खटखटा रहे थे लेकिन वहां न्याय ना मिलने के बाद उन्होंने राजस्व कोर्ट के माध्यम से एक परिवाद दायर किया जिसमें मात्र 8 से 9 महीने के अंदर फैसला आया जिसके तहत उन्होंने कलेक्टर कार्यालय के माध्यम दुर्ग एसडीएम राजसव ने पूरे मामले की सुनवाई की और कोर्ट ने अपने फैसले में साफ तौर पर कहा है कि आदेश के 15 दिन के अंदर प्रताड़ित करने वाली बहू नीलम उर्फ रेखा को 15 दिन के भीतर उनके घर से बेदखल किया जाए इस मामले की जानकारी देते हुए मामले की पैरवी कर रहे वकील ओपी जोशी ने बताया कि प्रकरण मोहन नगर थाना क्षेत्र के विजयनगर के बाबू लाल यादव अपने मकान में बहू नीलम और बड़े बेटे के परिवार के साथ रहते हैं।

नीलम उर्फ रेखा के पति की मौत हो चुकी उसके बाद से उनकी छोटी बहू बाबूलाल को प्रताड़ित करती थी मारपीट करना खाना नहीं देना और केस में फंसा देने की धमकी देना उसके लिए आम बात थी तत्पश्चात प्रताड़ना से तंग आकर बुजुर्गों ने अपने घर में सीसीटीवी कैमरा भी लगाया जिससे वह कई बार उसने उखाड़ कर फेंक दिया परेशान बुजुर्ग मोहन नगर थाने में व वरिष्ठ अफसरों से शिकायत की जिसके बाद बुजुर्ग ने 17 नवंबर 2021 को दुर्ग कलेक्टर को शिकायत की और मामले को दुर्ग sdm राजसव को सौपा गया जहाँ कोर्ट ने महज आठ से 9 महीनों की सुनवाई के बाद 24 अप्रैल को आदेश दिया कि बुजुर्गों के लिए एक घर में अपने बहू बेटियों से प्रताड़ित होते रहते हैं लेकिन न्यायालय का दरवाजा नहीं खटखटाते अब समय बदल रहा है बाबूलाल जैसे लोग जो अपने हक की आवाज उठाने से नहीं कतराते।

बाबूलाल उन तमाम बुजुर्गों के लिए एक मिसाल है जो घर में एवं समाज एवं कोई क्या कहेगा के डर से न्याय के लिए आवाज नहीं उठाते हैं और घर में अपने बहू एवं बच्चों से प्रताड़ित होकर प्रताड़ना सहने के आदी हो जाते हैं गौरतलब है कि भारत के संविधान में अब बुजुर्गों के लिए भरण-पोषण सहित विभिन्न कानून संविधान ने दिए हैं जिसका बुजुर्गों द्वारा प्रयोग किया जाना चाहिए जिसकी मिसाल विजय नगर के बाबूलाल ने पेश की है जो दूसरों के लिए भी मिसाल बनेगी।

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