महाकालेश्वर छोटेश्वर महादेव मंदिर की निर्माण व  प्राणप्रतिष्ठा महासमुन्द के प्रतिष्ठित ठाकुर परिवार के द्वारा संपन्न कराया गया

महासमुन्द :- महासमुन्द नगर के लालदाढ़ी पारा वार्ड क्रमांक 12 स्थित प्रतिष्ठित दूधगंगा डेयरी के संचालक गोवर्धन सिंह ठाकुर धर्मपत्नी सीता सिंह  व उनके भाई जय सिंह ठाकुर, बीरभद्र ठाकुर सुपुत्र प्रकाश सिंह ठाकुर, संदीप सिंह ठाकुर, प्रदीप सिंह ठाकुर, आदित्या सिंह ठाकुर, आलोक सिंह ठाकुर तथा परिवार के सदस्यों के द्वारा मित्रो, मोहल्लेवासियों के सहयोग से अपनी अशोक वाटिका में महाकालेश्वर छोटेश्वर महादेव का खूबसूरत मंदिर का निर्माण कराया गया है।

5 दिवसीय विधि विधान गुरुमहाराज कृपा शंकर दुबे, उदय दत्त द्विवेदी प्रयागराज द्वारा मंत्रोपचार कर सम्पन्न कराया गया।

दिनाँक 03.07.2021 प्रथम दिवस जलदान, दिनाँक 04.07.2021 द्वितीय दिवस अन्नदान, दिनाँक 05.07.2021 तृतीय दिवस शिव बारात, नगर भ्रमण, शिव विवाह, पैरपुजन, शिव प्रतिष्ठा दिनाँक 06.07.2021 चतुर्थ दिवस शिव अभिषेक, दिनाँक 07.07.2021  पंचम दिवस शिव अभिषेक, ध्वजपूजा, महायज्ञ,  प्रसाद वितरण किया गया।

महाकालेश्वर छोटेश्वर महादेव मंदिर की मुख्य यजमान प्रतिष्ठाकर्ता दूधगंगा डेयरी के संचालक गोवर्धन सिंह ठाकुर के ज्येष्ठ सुपुत्र प्रकाश सिंह ठाकुर व उनकी बहू  आकांक्षा सिंह के यजमानी , पारिवारिक सदस्य व नगरवासी की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ है। महाकालेश्वर छोटेश्वर महादेव मंदिर निर्माण में महासमुन्द के प्रतिष्ठित ठाकुर परिवार के गोवर्धन सिंह ठाकुर, जय सिंह ठाकुर, बीरभद्र सिंह ठाकुर, प्रकाश सिंह ठाकुर, संदीप सिंह ठाकुर, प्रदीप सिंह ठाकुर, आदित्य सिंह ठाकुर, आलोक सिंह ठाकुर के धर्मकर्म व मित्रो, मोहल्ले वासियो का विशेष सहयोग रहा है।

महाकालेश्वर छोटेश्वर महादेव मंदिर निर्माण से नगरवासी मोहल्लेवासियों में हर्ष का माहौल है।

महाकालेश्वर छोटेश्वर महादेव मन्दिर के मुख्य प्रतिष्ठा कर्ता प्रकाश सिंह ठाकुर ने बताया कि लगभग 30 वर्ष उनकी दादी स्व.केतकी देवी सिंह के द्वारा उक्त शिवलिंग को जिला सीधी मध्य प्रदेश से लाया गया था। जिन्हें उनके नई मंडी रोड स्थित पुराने आवास में रखा गया था। इसलिए अपने दादाजी स्व. छोटेलाल सिंह बघेल व दादीजी स्व. केतकी देवी सिंह की स्मृतिशेष में इनके नवीन मकान के समीप स्वयं के जमीन पर उनके व  परिवार के द्वारा महाकालेश्वर छोटेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण कराया गया है।

इसके साथ ही साथ नव युवकों में सनातन धर्म के प्रति अटूट विश्वास और अपनी संस्कृति की पहचान कराने का भी है। सनातन धर्म विश्व का प्राचीन धर्म है। जिसमे जीने की सारी विद्या विद्यमान है। हमे केवल एकाग्र मन से उन्हें पहचानने की आवश्यकता है।