वैभव चौधरी धमतरी। हजरत शाह अब्दुल रहमानी रहमतुल्लाहअलैह (मिलवाले बाबा) का उर्सपाक धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर शाही चादर निकाली गई। इसके अलावा सुफियाना कलाम का प्रोग्राम भी हुआ। आपसी प्रेम और सद्भावना के मरकज के रूप में विख्यात हजरत शाह अब्दुल रहमानी रहमतुल्लाहअलैह (मिलवाले बाबा) का उर्सपाक इस साल 24 मई से 26 मई तक धूमधाम से मनाया गया। 24 मई को सुबह गुस्ल मुबारक हुआ। नमाजे फजर के बाद कुरानख्वानी हुई। शाम को सिहावा चौक से शाही चादर निकाली गई। यह चादर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए मजार शरीफ पहुंची, जहां सलातो सलाम पेश करने के बाद चादर पोशी की रस्म अदा की गई। हनफिया मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती तौहिद आलम ने फातिहा पढ़ी तथा देश में अमन-चैन, खुशहाली के लिए दुआ मांगी। 25 मई को दोपहर को आम लंगर हुआ, जिसमें बड़ी तादात में लोगों ने शिरकत की। शाम को बाद नमाज मगरीब आस्ताने मुबारक के सामने हलवा, पूड़ी तकसीम किया गया। उल्लेखनीय है कि मिलवाले बाबा की दरगाह कौमी एकता की मिसाल है। यहां विभिन्न धर्म समुदाय के लोग अपनी मन्नत लेकर उनकी दरगाह में पहुंचते हैं। जहां उनकी मुरादें पूरी होती है। आस्ताने खादिम कन्नू अग्रवाल ने बताया कि यहां दूरदराज से जायरिन आते हैं और अपनी अकीदत के फूल चढ़ाते है। इस साल भी उर्सपाक के मौके पर बड़ी तादात में सभी सम्प्रदाय के लोगों ने शिरकत की। उर्सपाक को सफल बनाने में सैय्यद अवैश हाशमी, अशरफ खिलची, श्यामलाल ग्वाल, जितेन्द्र गढ़वी, राजकुमार मुंजवानी, जितेन्द्र मेश्राम, सुधीर नायडू, नंदू सिन्हा, कुशल जैन, शैलेन्द्र नाग, हाजी अहमद, हनीस वाही, राजू भाई चिश्ती, सरवर, अनवर सोलंकी, मुस्तफा भाई, याकूब खिलची, सलीम भाई नूरी, वकील खिलची, इस्माइल गोरी, कल्लू भाई आदि का योगदान सराहनीय रहा।
हुआ सुफियाना कलाम
पिछले दो साल से कोरोना के प्रकोप के चलते उर्सपाक सादगीपूर्ण ढंग से मनाते रहे हैं। इस साल स्थिति सामान्य होने पर विविध कार्यक्रमों के अलावा सुफियाना कलाम का प्रोग्राम भी हुआ। ख्वाजा का करम मटका पार्टी तेलीबांधा रायपुर के मोहम्मद नूर रजा, पीर मोहम्मद और बाबा भाई की टीम ने अपनी सुमधुर आवाज में हजरत शाह अब्दुल रहमानी रहमतुल्लाहअलैह (मिलवाले बाबा) की शान में सुफियाना कलाम पेश कर मौजूदा लोगों को रूहानियत का जाम पिला दिया। इससे महफिल में चार चांद लग गया।