मैच में प्राइज डिस्ट्रिब्यूशन सेरेमनी में ओरिजिनल मालिकों/यानी सरकार का प्रतिनिधित्व न होना हमारे राज्य का अपमान है
ये अपने राज्य के साथ गद्दारी नहीं तो और क्या है?140 करोड़ रु की लागत से बना स्टेडियम में महज 1.5 करोड़ रु सालाना किराए पर तीस साल के लिए लीज पर दे दिया।
और आज के मैच में प्राइज डिस्ट्रिब्यूशन सेरेमनी में ओरिजिनल मालिकों/यानी सरकार का प्रतिनिधित्व न होना हमारे राज्य का अपमान ही है
हैरानी की बात है इतने बड़े अनुबंध के बाद हुए मैच देखने आए अंतराष्ट्रीय मैच के पुरस्कार वितरण में छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद और क्रिकेट इंडस्ट्रीज के चाणक्य Rajeev Shukla का अनुपस्थि रहना।क्रिकेट इवेंट की हर तस्वीर में उपस्थित रहने का महत्व पूर्व पत्रकार राजीव शुक्ल से ज्यादा कौन जनता होगा,मगर उन्होंने भी अगर इतने बड़े फायदे के एग्रीमेंट के बावजूद यहां आकर भी पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल होना जरूरी नहीं साझा तो आप खुद समझ लीजिए हमने क्या पाया है और क्या खोया है।
फिर अगर पुरस्कार वितरण समारोह में राजीव शुक्ल नहीं शामिल हुए तो BCCI Domestic BCCI IPL 2021 ICC के पदाधिकारी क्यों शामिल होने लगे।
एक बात समझ से परे है,महज 3.4 करोड़ सालाना मेंटेनेंस खर्च बचाने के लिए 140 करोड़ सिर्फ निर्माण लागत के स्टेडियम को कैसे डेढ़ करोड़ रु सालाना लीज पर दे सकता है।जमीन का मूल्य अगर जोड़े तो हमारा स्टेडियम हज़ारों करोड़ रु मूल्य का है और उसे उस रकम के ब्याज से भी कम दाम पर लीज पर देना कौन सा अक्लमंदी का सौदा है।
राज्य में एक से बढ़कर एक धुरंधर सलाहकार है,एक से बढ़कर एक आईईएस आईपीएस और आइआरएस अफसरों की फौज है मगर क्या किसी को समझ में नहीं आया कि इतना बड़ा सौदा किसे फायदा पहुंचा रहा है।
सबसे हैरानी की बात विपक्ष की खामोशी भी है।लगता है सभी इस मामले में एक साथ हो।मिल बांटकर राज्य की जनता के हक को किसी को फायदा पहुंचाने की साजिश नजर आती है ये।
अरे जिस अडानी अंबानी को लेकर इतना शोर शराब होता है,कम से कम उससे पूछ लेते,या फिर इसे किसी को लीज पर देने के लिए ओपन टेंडर के देते तो हो सकता है ज्यादा राजस्व मिलता।फिर क्यों चिल्हर कमाई बढाने के लिए गाइड लाइन की दरें बढ़ाकर फजीहत करवानी पड़ती।
खैर बहुत दुःखी मन से ये लिखना पड़ रहा है।कभी मै क्रिकेट संघ का अभिन्न अंग हुआ करता था,मगर शायद हमको इसीलिए किनारे किया गया क्योंकि ये सब काला पिला करना था शायद।
लगता है इस प्रदेश का कोई माई बाप है ही नहीं।
