“जिरीबाम में सीआरपीएफ चौकी पर हमले के बाद मणिपुर में तनाव, गृह मंत्रालय ने लिया सख्त एक्शन”

नई दिल्ली:   मणिपुर के जिरीबाम में असम की सीमा के पास स्थित सीआरपीएफ चौकी पर संदिग्ध हथियारबंद उग्रवादियों ने हमला कर दिया, जिससे क्षेत्र में फिर से तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। यह हमला अत्याधुनिक हथियारों से लैस संदिग्धों ने किया, और जवाबी फायरिंग में कम से कम 11 कुकी उग्रवादी मारे गए। वहीं, दो सीआरपीएफ जवान भी घायल हो गए। इस हमले के बाद, अगले दिन संदिग्ध उग्रवादियों ने तीन महिलाओं और तीन बच्चों को बंधक बना लिया, जिसमें एक नवजात बच्चा और ढाई साल का बच्चा भी शामिल था। महिलाओं में दो छोटे बच्चों की माताएं थीं।

यह घटनाएं मणिपुर में हिंसा की बढ़ती घटनाओं की ओर इशारा करती हैं, विशेष रूप से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच संघर्षों के चलते। गृह मंत्रालय ने इस स्थिति को नाजुक बताते हुए सुरक्षा बलों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने आदेश दिया है कि हिंसा में शामिल या ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देने वाले तत्वों पर सख्त कदम उठाए जाएं ताकि शांति बहाल की जा सके।

गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि मणिपुर में हिंसक गतिविधियों का सिलसिला जारी है और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। स्थिति को और भी जटिल बनाते हुए, सुरक्षा बलों के साथ-साथ नागरिकों की सुरक्षा भी खतरे में है। इसी बीच, राज्य में बढ़ती अस्थिरता के कारण सार्वजनिक व्यवस्था पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है, जिससे प्रशासन की चुनौतियां और भी बढ़ गई हैं।

मणिपुर के वर्तमान हालात में एक तरफ जहां दोनों समुदायों के बीच सशस्त्र संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गई है, वहीं दूसरी तरफ सुरक्षा बलों की त्वरित प्रतिक्रिया और केंद्रीय गृह मंत्रालय की कड़ी नीतियों की उम्मीद की जा रही है ताकि राज्य में शांति और सामान्य स्थिति पुनः बहाल की जा सके।