“छात्र-पुलिस संघर्ष के बाद तनावपूर्ण स्थिति : कांग्रेस सांसद ने गृहमंत्री को भेजा पत्र”
देश: मणिपुर की राजधानी इंफाल में मंगलवार को लागू किया गया कर्फ्यू बुधवार सुबह भी जारी रहा, जहां स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में रही। शहर में लगातार गश्त और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। मणिपुर में पिछले एक साल से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जारी हिंसा के चलते राज्य की स्थिति अब तक सामान्य नहीं हो पाई है। हाल ही में छात्रों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष ने स्थिति को और जटिल बना दिया। छात्रों ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ राजभवन तक मार्च किया था, जिसके बाद सुरक्षाबलों और छात्रों के बीच झड़प हो गई। इस झड़प में 55 से अधिक छात्र घायल हो गए जिन्हें रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि घाटी के पांच जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पत्थर और कंचे फेंके, जिससे पुलिस ने उन्हें नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान, राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य से छात्र प्रतिनिधियों ने मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल ने छात्रों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया।
कांग्रेस सांसद ए बिमोल अकोइजाम ने इस घटनाक्रम को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा। उन्होंने हिंसा के इस संकट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए शाह से अपील की कि सुरक्षाबल निर्णायक और विवेकपूर्ण तरीके से कार्रवाई करें। सांसद ने आरोप लगाया कि मणिपुर में चल रही इस हिंसा में अवैध प्रवासी, विदेशी तत्व और मादक पदार्थ माफिया शामिल हो सकते हैं, जिनकी गहन जांच की जानी चाहिए।
अकोइजाम ने अपने पत्र में मणिपुर की वर्तमान स्थिति की तुलना 1947 के भारत विभाजन से की, जो उन्होंने कहा कि विशेष रूप से दर्दनाक है। उन्होंने लिखा, “अगर गुजरात में भी ऐसी स्थिति होती, तो शाह को भी गहरा दुख होता।” उन्होंने आगे कहा कि इस हिंसा के कारण अब तक सैकड़ों लोग मारे गए हैं और करीब 60,000 लोग बेघर हो चुके हैं। राज्य में लगातार बढ़ती हिंसा और हजारों आंतरिक रूप से विस्थापित लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं, जो एक दयनीय स्थिति है।
मणिपुर में स्थिति को सामान्य करने के लिए सुरक्षाबलों और सरकार की ओर से की जा रही कोशिशों के बावजूद हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसे में सांसद द्वारा अमित शाह को लिखे गए पत्र से इस मामले में सुरक्षाबलों द्वारा निर्णायक कार्रवाई की मांग की जा रही है, ताकि राज्य में शांति बहाली के प्रयास सफल हो सकें।
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