शिक्षा का मंदिर हुआ वीरान: प्राचार्य की अनुपस्थिति से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित
मनेन्द्रगढ़ – चिरमिरी – भरतपुर | जिले के वनांचल क्षेत्र में शिक्षा का दीप जलाने वाले विद्यालयों की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। भरतपुर के डोम्हरा स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्राचार्य महेश प्रसाद अहिरवार की अनुपस्थिति ने स्कूल की व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। प्राचार्य की लंबी अनुपस्थिति के कारण स्कूल का माहौल खराब हो गया है। शिक्षकों और छात्रों दोनों का मनोबल गिरता जा रहा है। बिना उचित मार्गदर्शन के शिक्षकों को निर्णय लेने में कठिनाई हो रही है, जबकि छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। छात्रों का कहना है कि उन्हें महीनों से प्राचार्य का चेहरा तक नहीं दिखा।
वेतन जारी पर सवाल:-
प्राचार्य की अनुपस्थिति के बावजूद उनका वेतन नियमित रूप से जारी होने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। क्या इसमें विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत है या वे इस स्थिति से अनजान हैं? विद्यालय के एक शिक्षक ने बताया, “प्राचार्य आखिरी बार जुलाई में आए थे, उसके बाद से उनकी कोई खबर नहीं है।”
जिला शिक्षा अधिकारी का बयान :-
जिला शिक्षा अधिकारी अजय मिश्रा ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। मिश्रा का यह स्वीकार करना कि “विद्यालय प्राचार्य के बिना चल रहा है”, विभाग की लापरवाही को उजागर करता है।
अब सवाल यह उठता है :-
क्या शिक्षा विभाग इस गंभीर मुद्दे का समाधान करेगा, या यह मामला भी जांच के नाम पर लटकता रहेगा? प्राचार्य की अनुपस्थिति का राज क्या है और इसका छात्रों के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा?