बोकारो जनरल हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर की संदिग्ध मौत, सुसाइड नोट बरामद

 बोकारो:  झारखंड के बोकारो जिला मुख्यालय स्थित स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के जनरल हॉस्पिटल में कार्यरत एक महिला चिकित्सक का शव उनके हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटकता हुआ मिला, जिससे पूरे चिकित्सा समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई। प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है, क्योंकि उनके कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर गहन जांच-पड़ताल की और विभिन्न साक्ष्य एकत्र किए हैं। 29 वर्षीय दिवंगत डॉक्टर मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिले के गुरुवारा गांव की रहने वाली थीं और बोकारो के डीएनबी गर्ल्स हॉस्टल में रहकर जनरल हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रही थीं।

सहकर्मी डॉक्टर ने देखा शव, पुलिस और अस्पताल प्रशासन हरकत में आया

रविवार की देर रात जब मृतका के साथ रहने वाली डॉक्टर अपनी ड्यूटी समाप्त कर हॉस्टल लौटीं, तो उन्होंने अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद पाया। कई बार खटखटाने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर उन्हें संदेह हुआ। जैसे ही दरवाजा किसी तरह खोला गया, तो वहां का दृश्य चौंकाने और झकझोरने वाला था डॉक्टर फंदे से झूल रही थीं। इस घटना को देखकर उन्होंने तुरंत शोर मचाया, जिससे पूरे हॉस्टल में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही अस्पताल के वरीय अधिकारी और स्थानीय पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे और आवश्यक जांच-पड़ताल के बाद शव को नीचे उतारकर कब्जे में लिया गया।

फॉरेंसिक टीम और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट ने जुटाए साक्ष्य

घटना की गंभीरता को देखते हुए बोकारो पुलिस ने फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट और फॉरेंसिक टीम को बुलाया, जिन्होंने मृतका के कमरे की बारीकी से जांच की और आवश्यक सैंपल एकत्र किए। पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें मृतका ने अपने माता-पिता के नाम एक संक्षिप्त संदेश लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा,

“सॉरी मम्मी-पापा, आई कैन नॉट वर्क… मुझे मेरे मनमाफिक डिपार्टमेंट नहीं मिला।”

इस नोट के आधार पर प्रथम दृष्टया यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतका अपने कार्यक्षेत्र से संतुष्ट नहीं थीं और मानसिक तनाव में थीं। पुलिस ने उनके कमरे से मोबाइल, लैपटॉप और अन्य निजी सामान को जब्त कर लिया है और सभी पहलुओं की जांच कर रही है।

परिवार हुआ स्तब्ध, अस्पताल में शोक की लहर

घटना की सूचना पाते ही मृतका के पिता और परिवार के अन्य सदस्य सोमवार को बिहार से बोकारो पहुंचे। उन्होंने पुलिस के समक्ष कागजी कार्रवाई पूरी की और किसी भी व्यक्ति पर कोई आरोप नहीं लगाया। पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।

इस दुखद घटना से अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मी स्तब्ध रह गए। सोमवार को पूरे अस्पताल में शोक का माहौल रहा, जहां डॉक्टरों और अन्य स्टाफ ने मृतका की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

पुलिस जांच जारी, आत्महत्या के कारणों को समझने की कोशिश

पुलिस अब घटना के सभी पहलुओं की जांच कर रही है। आत्महत्या के पीछे की वास्तविक वजह का पता लगाने के लिए मृतका के मोबाइल और लैपटॉप की फॉरेंसिक जांच की जाएगी। इसके साथ ही, उनके करीबी दोस्तों, सहकर्मियों और परिवार के सदस्यों से पूछताछ कर यह समझने की कोशिश की जा रही है कि क्या वह किसी अन्य व्यक्तिगत या पेशेवर परेशानी का सामना कर रही थीं।

मानसिक स्वास्थ्य पर उठे सवाल, मेडिकल प्रोफेशन में बढ़ते तनाव की ओर इशारा

इस घटना ने चिकित्सा जगत में काम के बढ़ते दबाव और मानसिक तनाव को लेकर फिर से बहस छेड़ दी है। डॉक्टरों को अक्सर लंबी कार्य अवधि, मानसिक और भावनात्मक थकान, करियर संबंधी असंतोष जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि काम का तनाव और मानसिक स्वास्थ्य डॉक्टरों के लिए भी एक गंभीर मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

पुलिस द्वारा मामले की जांच जारी है और यह देखने वाली बात होगी कि क्या यह मामला केवल मानसिक तनाव की वजह से आत्महत्या का है, या इसके पीछे कोई और अनदेखे कारण भी छिपे हो सकते हैं।